बिहार में छह से 17 वर्ष के 1 लाख 34 हजार बच्चे स्कूल से हो गये बाहर, 68,537 बच्चों ने बीच में छोड़ी पढ़ाई
बिहार में छह से 17 वर्ष के 1.34 लाख बच्चे स्कूल से बाहर हो गये है. आउट ऑफ स्कूल बच्चों में सबसे ज्यादा आठ से दस साल की उम्र के बच्चे हैं. वर्ग के हिसाब से देखें तो करीब एक लाख से अधिक बच्चे पिछड़ा वर्ग हैं. एससी,एसटी वर्ग के बच्चों की संख्या भी चिंताजनक है.
राजदेव पांडेय/ पटना. कोरोना से प्रभावित शैक्षणिक सत्र 2021-22 के दरम्यान प्रदेश में 1.34 लाख से अधिक बच्चे आउट ऑफ स्कूल रहे. इनमें 68,537 बच्चों ने बीच में ही स्कूल छोड़ दिया. साथ ही 65,715 बच्चे ऐसे चिन्हित किये गये, जिनका स्कूल में कभी नामांकन नहीं हुआ था. आउट ऑफ स्कूल बच्चों में सबसे ज्यादा आठ से दस साल की उम्र के बच्चे हैं. वर्ग के हिसाब से देखें तो करीब एक लाख से अधिक बच्चे पिछड़ा वर्ग हैं. एससी,एसटी वर्ग के बच्चों की संख्या भी चिंताजनक है.
जानें सर्वे रिपोर्ट
बिहार शिक्षा परियोजना की तरफ से कराये गये सर्वे में इस तरह की जानकारी सामने आयी है. आउट ऑफ स्कूल बच्चों में लड़कों की संख्या 74,881 और लड़कियों की संख्या 59,354 है. इसमें छह से सात साल की उम्र के 9321, आठ से 10 वर्ष की उम्र के 78085 , 11 से 14 साल की उम्र के 45063 और इससे अधिक उम्र के 976 बच्चे आउट ऑफ स्कूल रहे हैं.
सर्वाधिक आउट ऑफ स्कूल बच्चे आरक्षित वर्ग के
सर्वे के मुताबिक आउट ऑफ स्कूल बच्चों में एससी वर्ग के 31239 ,एसटी के 3221 और ओबीसी वर्ग के बच्चों की संख्या 78765 रही है. सामान्य वर्ग के आउट ऑफ स्कूल बच्चों की संख्या 21027 रही है.
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धार्मिक आधार पर भी बच्चों की हुई पहचान
सर्वेक्षण में बताया गया है कि हिंदुओं के आउट ऑफ स्कूल बच्चों की संख्या 106101 और मुस्लिम बच्चों की संख्या 27978 , सिख 49, जैन 10 और इसाई वर्ग में आउट ऑफ स्कूल बच्चों की संख्या 113 रही है. फिलहाल शिक्षा विभाग अब इन आउट ऑफ स्कूल बच्चों के उम्र के हिसाब से नामांकन करा रहा है. इनमें कुछ बच्चों को शिक्ष विभाग वित्तीय मदद भी करेगा.