पटना. राज्य के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद का कहना है कि निचले स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों का आम लोगों के प्रति सहज होना जरूरी है. जब तक आम आवाम को उनका सहयोग नहीं मिलेगा, तब तक सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ नीचे तक नहीं पहुंच पायेगा.
उप मुख्यमंत्री मंगलवार को प्रभात खबर के दफ्तर आये. इस दौरान उन्होंने एनडीए सरकार के कामकाज को लेकर खुल कर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि पहली बार मंत्री बनने के बावजूद वह पूरी तरह आमलोगों की और पार्टी की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश कर रहे हैं.
सरकार के मुखिया के नाते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पूरा सहयोग मिल रहा है. मुख्यमंत्री स्वयं सभी योजनाओं पर पैनी नजर रख रहे हैं. उप मुख्यमंत्री ने बताया कि आत्मनिर्भर बिहार के लिए सात निश्चय पार्ट 2 के तहत काम शुरू हो गया है.
कोरोना टीकाकरण मुफ्त में देने और रोजगार एवं स्वरोजगार की योजनाओं पर अमल शुरू हो गया है. सेंटर फाॅर एक्सीलेंस को लेकर काम शुरू हो गया है. प्रमंडलीय मुख्यालयों में टूल सेंटर खोले जा रहे हैं.
हर खेत को पानी और उद्योग व निवेश के लिए अनुदान देने की योजना पर अमल शुरू हो गयी है. स्मार्ट सिटी को लेकर भी काम में तेजी आया है. सरकार ने बोर्ड ऑफ गवर्नर के अध्यक्ष की जिम्मेवारी नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को दी है, इसका असर भी दिखने लगा है. पांच साल में स्मार्ट सिटी के लिए एक हजार करोड़ खर्च होंगे.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बैंकों के कामकाज पर भी सरकार ध्यान दे रही है. राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक में बैंकों के कामकाज की समीक्षा की गयी है. मेरे स्तर पर कई निर्देश दिये गये हैं. उद्योगों के विकास और निवेश का जाल बिछाने के लिए राज्य में भूमि बैंक की जरूरत है.
उनके स्तर पर नयी औद्योगिक पॉलिसी का एक बार फिर से अध्ययन कर इसकी समीक्षा की जायेगी. हाल ही में बड़े औद्योगिक घराने के प्रतिनिधिमंडल आये थे, उनसे चीनी मिल के बाद अब बिहार के मक्के को देश-दुनिया में पहुंचाने के संबंध में अपनी गतिविधियां बढ़ाने को कहा है. जल्द ही इसका असर देखने को मिलेगा.
Posted by Ashish Jha