बिहार में जमीन की दाखिल-खारिज अपील का मामला: ऑनलाइन आवेदन देने के लिए समय सीमा खत्म
बिहार में दाखिल खारिज की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन करने के कुछ दिनों के बाद विभाग ने दाखिल खारिज अपील भी ऑनलाइन कर दिया था. उस वक्त 2006-07 की समयसीमा तय की गई थी, उसे आम लोगों की सुविधा के लिए हटा दिया गया है.
बिहार में दाखिल खारिज अपील के मामलों में ऑनलाइन आवेदन देने के लिए 2006-07 की समय सीमा खत्म कर दी गयी है. अब उससे पहले के पुराने मामलों में भी भूमि सुधार उप समाहर्ता (डीसीएलआर) कोर्ट में अपील दायर किया जा सकता है. इसके लिए सॉफ्टवेयर में जरूरी संशोधन कर दिया गया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने इससे संबंधित एक पत्र सभी समाहर्ताओं को लिखा है.
2006-07 की समय सीमा को हटाया गया
पिछले दिनों जब यह सेवा शुरू की गयी थी तो 2006 के बाद के मामलों में ऑनलाइन अपील करने का प्रावधान किया गया था. अंचल अधिकारी द्वारा दाखिल खारिज अस्वीकृत करने की स्थिति में भूमि सुधार उप समाहर्ता को सुनवाई करके निर्णय लेने का अधिकार है. दाखिल खारिज की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन करने के कुछ दिनों के बाद विभाग ने दाखिल खारिज अपील भी ऑनलाइन कर दिया था. उस वक्त 2006-07 की समयसीमा तय की गई थी, उसे आम लोगों की सुविधा के लिए हटा दिया गया है.
दाखिल खारिज के नये एक करोड़ मामले आये
विभागीय सूत्रों के अनुसार अबतक करीब एक करोड़ से अधिक दाखिल खारिज के नये मामले ऑनलाइन दायर किये गये. उसमें से करीब एक तिहाई अंचल अधिकारियों द्वारा विभिन्न कारणों से रद्द कर दिये गये हैं. अस्वीकृति के बढ़ते मामलों से चिंतित विभाग ने एक मार्च से पूरे बिहार के अंचल कार्यालयों में एफआइएफओ लागू किया है. साथ ही अस्वीकृत मामलों की ऑनलाइन आवेदन देने में पहले से चली आ रही समय सीमा में संशोधन किया है.
अस्वीकृति के 30 दिनों के भीतर अपील का प्रावधान
अंचल कार्यालय में दाखिल खारिज के मामले अस्वीकृत होने पर 30 दिनों के भीतर भूमि सुधार उप समाहर्ता (डीसीएलआर) कोर्ट में अपील दायर करने का प्रावधान है. इसके लिए समुचित कारण होने पर भूमि सुधार उप समाहर्ता (डीसीएलआर) को इस एक माह की समय सीमा को बढ़ाकर आवेदन स्वीकृत करने का अधिकार है. ऑनलाइन विधि से प्राप्त इस तरह के आवेदन को सुनवाई के बाद 30 दिनों की तय समय सीमा के भीतर निष्पादन किया जाना है.
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अनुरोध पर लिया गया निर्णय
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि जिलों से भूमि सुधार उप समाहर्ता और अपर समाहर्ता के अनुरोध आ रहे थे. आम लोगों की भी मांग थी कि सभी पुराने मामलों में ऑनलाइन आवेदन देने की सुविधा सभी लोगों को दी जाये. इसी के मद्देनजर यह व्यवस्था की गई है. उम्मीद है कि अब लोग पुराने मामलों में भी घर बैठे दाखिल खारिज के अस्वीकृत मामलों में ऑनलाइन आवेदन की सुविधा से लाभान्वित होंगे.