बिहार में ऑनलाइन सजने लगी दुधारु पशुओं की मंडी, मनचाहे दाम पर हो रही खरीद-बिक्री

सुमन कुमार के मुताबिक गाय 14 लीटर दूध देती है. दरअसल, डिजिटल युग में पशुओं का बाजार भी ऑनलाइन सजने लगा है, जिसमें जिले के पशु पालक और व्यापारियों की रुचि बढ़ी है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 23, 2021 1:14 PM

धनंजय पांडेय, मुजफ्फरपुर. शहर से सटे भगवानपुर नंदपुरी के सुमन कुमार के पास आधा दर्जन से अधिक दुधारु गायें हैं. उन्हें वह बेचना चाहते हैं. पहले लोगों को सूचना देते थे, तो हफ्ते-दो हफ्ते में ग्राहक आते थे. पिछले दिनों उन्होंने अपनी ‘होल्सटीन फ्रीसिएस क्रॉस’ प्रजाति की गाय की डिटेल ऑनलाइन पशु मंडी पर साझा कर दी, जिसके बाद कई लोग उनसे संपर्क कर रहे हैं. एक गाय की 36 हजार रुपये कीमत रखी है.

सुमन कुमार के मुताबिक गाय 14 लीटर दूध देती है. दरअसल, डिजिटल युग में पशुओं का बाजार भी ऑनलाइन सजने लगा है, जिसमें जिले के पशु पालक और व्यापारियों की रुचि बढ़ी है.

चकना के रवि, नुनफरा के विकास, रामनगर के दौलत कुमार, महुआ के राहुल के साथ ही जिले के सूरज कुमार चौधरी, सुधीर कुमार व केशव मिश्र सहित 200 से अधिक लोगों ने अपनी पशुओं की डिटेल ऑनलाइन मंडी में साझा की है. लोग अपनी जरूरत के मुताबिक पशुओं का चयन कर पशु पालकों को कॉल भी कर रहे हैं.

कोरलहिया में लगता था देश का सबसे बड़ा भैंस मेला

सीतामढ़ी के कोरलहिया में कभी देश का सबसे बड़ा भैंस मेला लगता था, जिसमें दूर-दराज के भैंस पालक आते थे. कोलकाता के व्यापारी भी यहां आते थे. करीब ढाई दशक पहले तक यह मेला गुलजार रहा, लेकिन व्यापारियों के साथ हुई लूट-पाट की घटनाओं के चलते मेले का अस्तित्व खत्म हो गया.

इन एप से जुड़ रहे पशुपालक

ऑनलाइन पशु मेला के लिए कई मोबाइल एप काम कर रहे हैं. इनमें एनिमल.इन के साथ ही गाय भैंस वाला पशु मेला, मू-पशु मंडी व कृषिफाई पशु मेला एप के साथ मुजफ्फरपुर सहित बिहार के हजारों पशु पालक जुड़े हुए हैं.

उदासीनता से खत्म हुआ पशु मेलों का अस्तित्व

प्रशासनिक व सरकारी उदासीनता के चलते पशु मेलों का अस्तित्व खत्म होने लगा हैं. जिले में जैतपुर सहित अन्य दो-तीन जगहों पर ग्रामीण स्तर के पशु मेले लगते थे. इसमें आस-पास के पशु पालक और व्यापारी जुटते थे. सुरक्षा नहीं होने से मेला खत्म हो गये. वहीं बड़े पैमाने पर सोनपुर का पशु मेला लगता है.

आसानी से मिल रहे खरीदार

ऑनलाइन मंडी में पशु पालकों को आसानी से खरीदार मिल रहे हैं, तो लोगों को अपनी आर्थिक क्षमता व दूध की जरूरत के हिसाब से गाय या भैंस खोजने में भी आसानी है.

कोई गाय या भैंस पसंद आने पर पशु पालक के मोबाइल नंबर पर सीधे कॉल कर अन्य जानकारी भी ली जा सकती है. कोई चाहे तो दूध क्षमता, कीमत या अपने निवास से निर्धारित दूरी के अंदर उपलब्ध पशुओं की जानकारी आसानी से हासिल कर सकता है.

Posted by Ashish Jha

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