बिहार में जमीन विवाद से निबटने की नई पहल, डीसीएलआर कोर्ट में अब कर सकेंगे ऑनलाइन शिकायत

भूमि विवाद निराकरण अधिनियम 2009 (बीएलडीआरए) के तहत रैयती जमीन के छोटे-मोटे झगड़े सुलझाने के लिए जमीन के स्वामित्व (टाइटल डिसाइड) के फैसले का अधिकार भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को दिया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 14, 2023 2:08 AM

बिहार में जमीन विवाद निबटाने के लिए भूमि सुधार उपसमाहर्ता (डीसीएलआर) कोर्ट में ऑनलाइन शिकायत की जा सकती है. साथ ही निर्णय को ऑनलाइन देखा जा सकता है. भूमि विवाद निराकरण अधिनियम 2009 (बीएलडीआरए) के तहत इस सुविधा का शुभारंभ शनिवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता ने एक कार्यक्रम के दौरान किया. कार्यक्रम का आयोजन भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने पटना के शास्त्रीनगर स्थित राजस्व (सर्वे) प्रशिक्षण संस्थान में किया था.

भूमि माफियाओं से कड़ाई से निबटने का निर्देश

शुभारंभ के बाद मंत्री आलोक कुमार मेहता ने भूमि सुधार उप समाहर्ताओं की मासिक बैठक को संबोधित करते हुए भूमि माफियाओं से कड़ाई से निबटने का निर्देश दिया. साथ ही फैसले देने के साथ उन फैसलों के क्रियान्वयन पर भी विशेष बल देने और 30 दिनों में पारित आदेशों काे लागू करने के लिए कहा. मंत्री मेहता ने भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं से कहा कि दाखिल- खारिज और जमीन विवाद के मामलों में मामलों में स्वेच्छा से फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व यानी (फीफो) लागू करें. हाल के दिनों में दाखिल -खारिज के मामले में लंबित मामले कम हुए हैं, लेकिन रेवेन्यू कोर्ट में बढ़े हैं. इसे कम करने की जरूरत है.

बीएलडीआरए के तहत डीसीएलआर को अधिकार

भूमि विवाद निराकरण अधिनियम 2009 (बीएलडीआरए) के तहत रैयती जमीन के छोटे-मोटे झगड़े सुलझाने के लिए जमीन के स्वामित्व (टाइटल डिसाइड) के फैसले का अधिकार भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को दिया गया है. इसमें वाद दायर होने के 90 दिनों के अंदर निर्णय दिया जाना है. साथ ही पारित आदेश के खिलाफ 30 दिनों के अंदर प्रमंडलीय आयुक्त के पास अपील करने का प्रावधान है.

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इन मामलों की होगी सुनवाई

इस अधिनियम के अंतर्गत रैयती भूमि के मामलों में निर्णय का क्षेत्राधिकारी निर्धारित किया गया है. इसके तहत अतिक्रमण, अनधिकृत संरचना निर्माण, सीमा-विवाद, आवंटित सुयोग्य श्रेणी के बंदोबस्तधारी की बेदखली का मामला, भू-खंड का विभाजन, आपसी संपत्ति का बंटवारा, सर्वे मानचित्र सहित स्वत्वाधिकार अभिलेख में की गयी प्रविष्टी में संशोधन से संबंधित माामलों का निराकरण शामिल है.

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