पटना. सभी प्रखंडों में प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए राज्य सरकार अब सहायता राशि लोगों को देगी. परिवहन विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है. जल्द ही प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष ले जाया जायेगा.
राज्य में अब तक प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए राज्य सरकार की ओर से लोगों को कोई सहायता राशि नहीं दी जाती थी, लेकिन अब इसके लिए सहयोग राशि का प्रावधान किया गया है, जिसका लाभ लोगों को मिलेगा और सभी प्रखंडों में आसानी से केंद्र खुल पायेंगे.
47 प्रखंडों में नहीं है प्रदूषण जांच केंद्र : राज्य के 534 प्रखंडों में से 147 प्रखंडों में प्रदूषण जांच में सुविधा नहीं है. मात्र 387 प्रखंडों में ही 1000 से अधिक प्रदूषण केंद्र खुले हुए हैं. जिन प्रखंडों में प्रदूषण जांचने का केंद्र नहीं खुल सका है वहां के लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
गाड़ियों का प्रदूषण प्रमाणपत्र नहीं होने पर 10 हजार तक जुर्माने का प्रावधान है. इसलिए सरकार प्रोत्साहन के माध्यम से लाभुकों को लागत का 50 फीसदी तक सहायता देगी. यह राशि तीन लाख तक की होगी.
विभाग की योजना है कि हर प्रखंड में कम- से -कम एक वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोले जायें. पेट्रोल पंप, वाहन विक्रय केंद्र एवं सर्विस सेंटर में भी केंद्र खोलने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. चलंत प्रदूषण जांच केंद्रों की स्थापना के लिए भी प्रावधान किये गये हैं, ताकि अधिक- से- अधिक वाहनों की जांच की जा सके.
प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना हो सके इसके लिए राज्य सरकार द्वारा लिये जाने वाले अनुज्ञप्ति, नवीकरण व आवेदन सहित अन्य शुल्क में कमी की गयी है. साथ ही जांच केंद्रों का लाइसेंस या लाइसेंस का रिन्यूअल आसानी से हो सके, इसके लिए ऑनलाइन शुल्क जमा करने की व्यवस्था की गयी है.
विभाग के एक वरीय अधिकारी ने कहा कि बिहार में प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या में चार गुना बढ़ोतरी हुई है. लगभग एक वर्ष पूर्व तक राज्य में मात्र 250 वाहन प्रदूषण जांच केंद्र थे. अब इसकी संख्या बढ़ कर एक हजार से अधिक हो गयी है. साल 2021 में 1000 और नये वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोले जायेंगे.
अधिक- से- अधिक वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खुले और आम लोग भी केंद्रों को चला सकें इसके लिए बिहार मोटर नियमावली, 1992 के नियमों में संशोधन किया गया है. अब इंटर (साइंस) पास व्यक्ति भी वाहन प्रदूषण जांच केंद्र चला सकते हैं.
Posted by Ashish Jha