पटना. राजीव नगर इलाके में स्थित आवास बोर्ड की अधिगृहीत जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री करने वाली छह गृह निर्माण समितियों के खिलाफ बुधवार को प्राथमिकी दर्ज की गयी़ इन समितियों ने जमीन की खरीद-बिक्री कर करोड़ों रुपये कमाये हैं.
अब पुलिस इन सभी छह समितियों के अध्यक्ष व सचिव के संबंध में जानकारी लेगी और उन सभी को नामजद आरोपित बनायेगी. कुछ समितियों के अध्यक्ष व सचिव के नाम की पहले से ही पुलिस को जानकारी है. प्राथमिकी बिहार राज्य आवास बोर्ड के कार्यपालक अभियंता के बयान के आधार पर दर्ज की गयी है. दो दिन पहले डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने आवास बोर्ड को निर्देश दिया था.
आवास बोर्ड के कार्यपालक अभियंता ने राजीव नगर थाने को दिये गये पत्र में बताया है कि बिहार राज्य आवास बोर्ड ने मौजा दीघा में 1024.52 एकड़ जमीन का अधिग्रहण आवास कॉलोनियों के लिए किया था. सुप्रीम कोर्ट ने भी अधिग्रहण को पूर्ण मानते हुए इसकी संपुष्टि कर दी थी. अब तक 400 से अधिक प्राथमिकी राजीवनगर थाने में दर्ज करायी जा चुकी हैं.
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निराला सहकारी गृह निर्माण समिति
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जयप्रकाश गृह निर्माण समिति
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बजरंग सहकारी गृह निर्माण समिति
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कपूरचंद सहकारी गृह निर्माण समिति
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त्रिमूर्ति सहकारी गृह निर्माण समिति
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ललित फेडरेशन गृह समिति
इन लोगों पर प्राथमिकी
सत्यनारायण सिंह के बेटे सुनील सिंह, नाकट गोप, प्रमोद सिंह, सुनील सिंह का चचेरा भाई नीरज सिंह, अखिलेश राय, श्रीनाथ सिंह व शिवजी सिंह.
किसान नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को नेपाली नगर का दौरा किया और जिला प्रशासन की ओर से तोड़े गये मकान मालिकों से मिले. टिकैत ने कहा कि बिना मुआवजा किसानों का जमीन अधिग्रहण करना पूरी तरह से अवैध है. सरकार पहले किसानों को वर्तमान दर पर मुआवजा का भुगतान करे. इसके बाद जमीन अधिग्रहण की बात हो. पूर्व मुखिया चंद्रवंशी सिंह ने कहा कि सरकार किसानों की जमीन पर अधिग्रहण का दावा कर रही है, लेकिन अब तक किसान को भुगतान नहीं हुआ है.