ऑपरेशन केके पाठक : सारण में समय पर चल रहा स्कूल, कक्षाओं में बढ़ी 60 फीसदी उपस्थिति

जिन स्कूलों में पहले नामांकन के अनुपात में 15 से 20 फीसदी छात्र-छात्राएं हीआते थे. वहां अब 60 से 70 फीसदी नामांकित छात्र- छात्राएं प्रतिदिन क्लास करने आ रहे हैं. शहर के सबसे प्रतिष्ठित जिला स्कूल में नौवीं, दसवीं और 11वीं में इस समय 80 फीसदी छात्र-छात्राएं उपस्थित हो रहे हैं.

By Ashish Jha | September 4, 2023 4:53 PM

छपरा. पिछले एक माह में जिले के प्रारंभिक से लेकर प्लस टू स्तरीय सरकारी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ी है. जिन स्कूलों में पहले नामांकन के अनुपात में 15 से 20 फीसदी छात्र-छात्राएं हीआते थे. वहां अब 60 से 70 फीसदी नामांकित छात्र- छात्राएं प्रतिदिन क्लास करने आ रहे हैं. शहर के सबसे प्रतिष्ठित जिला स्कूल में नौवीं, दसवीं और 11वीं में इस समय 80 फीसदी छात्र-छात्राएं उपस्थित हो रहे हैं. प्राचार्य अर्जुन कुमार सिंह ने बताया कि हाल ही में स्कूल में अभिभावक संगोष्ठी भी की गयी थी. जिसमें राज्य सरकार द्वारा जारी किये गये गाइडलाइन से भी अभिभावकों को अवगत कराया गया. वहीं राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक स्कूल में भी छात्राओं की उपस्थिति पहले से सुधरी है. शहर के विश्वेश्वर सेमिनरी प्लस टू स्कूल स्कूल, सारण एकेडमी, लोकमान्य हाइ स्कूल, राजेंद्र कॉलेजिएट आदि में पहले से भी छात्रों की उपस्थिति बेहतर थी. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा उपस्थिति में सुधार को लेकर जारी किये गये कड़े गाइडलाइन के बाद से और अधिक सुधार होता दिख रहा है.

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स्मार्ट क्लास व प्रयोगशाला की भी मिल रही सुविधा

सभी प्लस टू स्तरीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था पहले से ही मौजूद थी. लेकिन कुछ माह पहले तक तकनीकी व्यवस्थाओं की कमी होने का हवाला देकर संबंधित स्कूलों के प्राचार्य स्मार्ट क्लास संचालन में बाध्यता जाहिर कर रहे थे. लेकिन राज्य सरकार के गाइडलाइन के बाद अब फिर से स्कूलों में स्मार्ट क्लास का संचालन हो रहा है. कई स्कूलों में बंद पड़ी प्रयोगशालाएं भी शुरू हो गयी हैं. नियमित रूप से रूटीन बनाकर छात्रों को प्रयोगशाला में प्रैक्टिकल कराया जा रहा है. अधिकतर स्कूलों में वर्ग संचालन का शेड्यूल नहीं था. लेकिन अब विषय वार रूटीन बना दिया गया है. नियमित स्कूल नहीं आने वाले छात्रों की मॉनिटरिंग हो रही है. जो छात्र लगातार दो से तीन दिन अनुपस्थित हो रहे हैं. उन्हें स्कूल आने को कहा जा रहा है.

समय पर पहुंच रहे शिक्षक, बच्चों में भी है उत्साह

दो-तीन माह पहले तक अधिकतर स्कूल कैंपस सूने रहते थे. छात्र-छात्राएं महज खानापूर्ति के लिए स्कूल आते थे. वहीं परीक्षाओं के समय में संख्या अधिक रहती थी. प्रारंभिक विद्यालयों में मिड डे मील योजना जरूर लागू है. लेकिन अल्पाहार के बाद अधिकतर छात्र-छात्राएं घर चले जाते थे. लेकिन अब स्थिति बदली है. शिक्षक निर्धारित समय से कुछ देर पहले ही स्कूल पहुंच जा रहे हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कभी भी औचक निरीक्षण हो सकता है. जिसे लेकर शिक्षक अलर्ट दिख रहे हैं. 10 दिन पहले ही शिक्षा विभाग के सचिव ने भी गड़खा व परसा के कई स्कूलों में औचक निरीक्षण किया. वहीं अपर मुख्य सचिव केके पाठक भी छपरा में दरियापुर, परसा व गड़खा आदि प्रखंडों में औचक निरीक्षण कर चुके हैं.

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कॉलेजों में भी बढ़ी उपस्थिति

शिक्षा विभाग के निर्देशों का असर सिर्फ स्कूलों पर ही नहीं बल्कि कॉलेज की उपस्थिति पर भी पड़ा है. जिले के अधिकतर कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति 20 से 30 फीसदी बढ़ गयी है. विश्वविद्यालय स्तर पर कई गाइडलाइन जारी कर दिये गये हैं. 75 फीसदी उपस्थित नहीं होने पर फॉर्म नहीं भरा जायेगा. ऐसा निर्देश भी कुलपति ने जारी किया है. लगभग सभी कॉलेजों के प्राचार्य ने भी उपस्थिति को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है. कॉलेज में लगातार छात्र, अभिभावकों व शिक्षकों के बीच संगोष्ठी हो रही है. शहर के जयप्रकाश महिला कॉलेज में नामांकित 90 फीसदी तक छात्राएं पहुंच रही हैं. वहीं राजेंद्र कॉलेज, गंगा सिंह कॉलेज, पीसी विज्ञान कॉलेज में भी पहले की तुलना में 30 से 40 फीसदी उपस्थित बढ़ गयी है.

यह है गाइडलाइन

  • – 15 दिन लगातार अनुपस्थिति रहने पर रद्द होगा नामांकन

  • – बिना सूचना अनुपस्थिति रहे शिक्षक तो होगी कार्रवाई

  • – एक से अधिक स्कूलों में नामांकन वाले छात्रों की होगी ट्रैकिंग

  • – जिले में नामांकन लेकर राज्य के बाहर पढ़ने वाले की भी होगी ट्रैकिंग

  • – डीइओ व डीपीओ करेंगे पांच-पांच स्कूलों को अडॉप्ट

क्या कहते हैं डीइओ

सारण के डीइओ कौशल किशोर कहते हैं कि सभी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढाने को लेकर लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. समय पर स्कूल नहीं आने वाले शिक्षकों पर भी कार्रवाई की जा रही है. अभिभावकों से भी लगातार संवाद हो रहा है. पहले से उपस्थिति बेहतर हुई है.

क्या कहते हैं कुलपति

जेपीयू के कुलपति प्रो फारूक अली ने कहा कि कॉलेजों में उपस्थिति को लेकर गाइडलाइन जारी किया गया है. कई कॉलेजों में उपस्थिति बढ़ी भी है. 75 फीसदी उपस्थिति नहीं रहने पर छात्र-छात्राएं फॉर्म भरने से वंचित रह जायेंगे. सिर्फ कॉलेजों में ही नहीं बल्कि विश्वविद्यालय के पीजी विभागों में भी उपस्थिति की मॉनिटरिंग हो रही है.

क्या कहते हैं शिक्षक व अभिभावक

  1. आदर्श उच्च विद्यालय सह इंटर कॉलेज, कोहरा, मांझी के शिक्षक प्रकाश कुमार सिंह कहते हैं कि स्कूल में उत्साह का माहौल है. सभी कक्षाओं में 60 से 70 फीसदी उपस्थिति बढ़ गयी है. अभिभावकों में भी जागरूकता दिख रही है. बच्चों में भी पढ़ने की ललक बढ़ी है. सरकारी स्कूलों पर भरोसा बढ़ रहा है.

  2. अभिभावक दिलीप कुमार ने कहा कि शिक्षक अब समय से आ रहे हैं. बच्चों के क्लास का रूटीन भी उपलब्ध कराया गया है. पढ़ाई के साथ-साथ खेल व सांस्कृतिक गतिविधियां भी हो रही है. यही माहौल रहे तो प्राइवेट स्कूल में भेजने की कोई जरूरत नहीं होगी.

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