बिहार में बालू खनन की धीमी गति को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. इसके बावजूद कई जिलों में खनन की गति धीमी या बाधित है. हाल ही में खान एवं भूतत्व विभाग को जानकारी मिली है कि राज्य के 19 जिलों में करीब 50 बालू घाटों का संचालन जिला स्तर पर लंबित है. जिसके बाद विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई का आदेश दिया है.
तत्काल बालू खनन शुरू करने का आदेश
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिन 50 बालू घाटों पर खनन बाधित है, इन्हें पर्यावरण मंजूरी मिल चुकी है और सीटीओ से बालू खनन के लिए जरूरी मंजूरी भी मिल चुकी है. इसके बावजूद बालू घाटों का संचालन शुरू नहीं हो सका है. जिसे लेकर खान एवं भूतत्व विभाग के निदेशक ने गंभीर चिंता व्यक्त की है. साथ ही अधिकारियों को जल्द से जल्द रेत खनन शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने आवश्यक कदम उठाते हुए तत्काल खनन का आदेश दिया है.
इन जिलों के बालू घाटों पर नहीं शुरू हुआ खनन
सूत्रों के अनुसार 19 जिलों में सबसे अधिक 15 घाट जमुई जिले में हैं, जहां से बालू खनन अब तक शुरू नहीं हुआ है. इसके अलावा भोजपुर में पांच, नालंदा में पांच, गया में तीन, सारण में तीन, रोहतास में तीन, लखीसराय में दो, औरंगाबाद में दो, पटना में एक घाट शामिल हैं. साथ ही नवादा में दो, कैमूर में एक, सीतामढ़ी में एक, मधुबनी में एक, भागलपुर में एक, शिवहर में एक, जहानाबाद में एक, सहरसा में एक, मोतिहारी में एक और दरभंगा में एक बालू घाट शामिल हैं.
35 जिलों में हो चुकी है 276 बालू घाटों की नीलामी
सूत्रों के मुताबिक, राज्य के 35 जिलों में 276 बालू घाटों की नीलामी की गयी है. 264 बालू घाटों से खनन योजना के लिए आवेदन दिया गया है. अब तक करीब 166 बालू घाटों की पर्यावरणीय स्वीकृति मिल चुकी है. बालू खनन के लिए आवश्यक कुल 142 सीटीओ की मंजूरी मिल गयी है. इनमें से अब तक केवल 92 घाट ही चालू हो पाये हैं. 50 बालू घाटों का संचालन जिला स्तर पर लंबित है.
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