15.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गंगा नदी में भागलपुर व पटना के बीच टूरिस्ट व कार्गो जहाजों का परिचालन 10 माह से बंद, जानें वजह

Bihar News: जहाज परिचालन के लिए फिलहाल कोई रास्ता नहीं दिख रहा है. इस कारण कोलकाता-भागलपुर-पटना के बीच टूरिस्ट व मालवाहक जहाज नहीं चलने से आर्थिक गतिविधियां ठप हैं.

गौतम वेदपाणि

भागलपुर. गंगा नदी होकर कोलकाता, भागलपुर व पटना के बीच मालवाहक व टूरिस्ट जहाजों का परिचालन बीते 10 माह से बंद है. गंगा में बने राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या एक में गाद भरने के कारण बरारी घाट से मुख्यधारा करीब एक किलोमीटर दूर चली गयी है. ऐसे में विक्रमशिला सेतु के दक्षिणी तट होकर बड़े जहाज के निकलने का रास्ता बंद हो गया है. दरअसल गंगा के उत्तरी छोर पर विक्रमशिला सेतु की ऊंचाई कम है. इस कारण उत्तरी छोर होकर बड़े मालवाहक जहाज का निकलना मुश्किल है. गंगा के दक्षिणी छोर पर स्थित बरारी घाट में गाद जमा होने से मुख्य धारा बंद है.

जहाज नहीं चलने से आर्थिक गतिविधियां ठप

ऐसे में जहाज परिचालन के लिए फिलहाल कोई रास्ता नहीं दिख रहा है. इस कारण कोलकाता-भागलपुर-पटना के बीच टूरिस्ट व मालवाहक जहाज नहीं चलने से आर्थिक गतिविधियां ठप हैं. भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण साहिबगंज से मिली जानकारी के अनुसार भागलपुर के बरारी घाट होकर ही बड़े जहाज का परिचालन हो सकता है. इस होकर अक्बतूर में ड्रेजिंग करने का प्रयास किया गया. लेकिन ड्रेजिंग मशीन की चपेट में कई मवेशी के आने के बाद काम रुक गया था. जब तक भागलपुर शहर से सटे गंगा नदी बेसिन में ड्रेजिंग नहीं होगा, जहाज परिचालन संभव नहीं है.

भागलपुर में इस बार एक किलोमीटर तक गाद जमा

इस वर्ष बाढ़ के दौरान जिले के गंगा नदी बेसिन में भारी मात्रा में गाद का जमाव हुआ है. बुधवार को प्रभात खबर पड़ताल में पाया गया कि बरारी घाट के पूर्व दिशा में करीब एक किलोमीटर तक पहली बार नया दियारा दिख रहा है. यह दियारा बरारी घाट से बाबूपुर घाट तक मेन धारा को बाधित कर रहा है. इधर, टीएमबीयू के भूगोल विभाग के पूर्व एचओडी डॉ एसएन पांडेय ने बताया कि बीते 20 वर्षों के अंदर जिले के गंगा नदी में करीब 50 फीट गाद जमा हुआ है. इस कारण बारिश के बाद पानी बहकर बंगाल की खाड़ी में निकल जाता है. जिले के गंगा बेसिन में पानी कम मात्रा में बहती है.

Also Read: मुजफ्फरपुर जंक्शन पर आज से लगेगा एस्केलेटर, 10 दिन में अस्थायी यूटीएस काउंटर तैयार करने का निर्देश
वन विभाग से एनओसी नहीं मिला, कैसे बनेगा जहाज का रास्ता

दरअसल भागलपुर जिले के कहलगांव से सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी को विक्रमशिला गंगेटिक डॉल्फिन सेंचुरी बनाया गया है. सेंचुरी में ड्रेजिंग के लिए वन विभाग से एनओसी लेना जरूरी है. वन विभाग के रेंजर बीके सिंह ने बताया कि भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण को कई पत्र लिखकर ड्रेजिंग की अनुमति लेने को कहा गया है. प्राधिकरण की ओर से अबतक कोई रिस्पांस नहीं लिया गया है. डॉल्फिन सेंचुरी में जहाज परिचालन या ड्रेजिंग से जलीय जीव को परेशानी होती है.

अंतिम बार फरवरी में गुजरा था मालवाहक जहाज

इस वर्ष नौ फरवरी को गायघाट पटना से 200 टन चावल की खेप लेकर मालवाहक जहाज कार्गो भागलपुर होकर गुवाहाटी की ओर रवाना हुआ था. उसके बाद से लेकर अबतक दस माह गुजर गये हैं. जहाज परिचालन की गतिविधियां शुरू नहीं हुई है. जबकि 2017 में जलमार्ग के विकास के लिए विश्व बैंक ने 375 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद भी दी है. इस राशि से जलमार्ग को विकसित नहीं किया जा रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें