बेतिया : तीन से छह साल से पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ चूल्हा चौकी संभाल रहीं उस नूरजहां खातून, साहिबा बेगम, देवंती देवी, गीता पटेल, रश्मि यादव जैसी सैकड़ों महिलाएं हम किसी से कम नहीं के तर्ज पर अपनी शैक्षिक योग्यता को बढ़ाते हुये एक बड़े मुकाम का मादा लेकर इतिहास रचने लगीं है.
बिहार बोर्ड ऑफ ओपेन स्कूलिंग एंड एक्जामिनेशन (बीबीओएसई) अर्थात बिहार मुक्त विद्यालयीय शिक्षा संस्थान पटना के 2020 बीच की परीक्षा में इस वर्ष मैट्रिक व इंटरमीडिएट स्तर के 696 अभ्यर्थियों की तीन अक्तूबर से शुरू परीक्षा 17 अक्तूबर जारी रहने वाली है.
पश्चिम चंपारण के 696 परीक्षार्थियों के लिये राज्य संपोषित कन्या उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय को परीक्षा केंद्र बनाया गया है. जहां के परीक्षार्थियों में 60 फीसदी से भी अधिक महिला या लड़कियां ही हैं. केंद्राधीक्षक सह प्राचार्या फिरदौस बानो बतातीं हैं कि परीक्षा हॉल के अंदर का नजारा सचमुच अद्भुद है.
एनआइओएस अर्थात राष्ट्रीय मुक्त विद्यालीय शिक्षा संस्थान की तर्ज पर बिहार में वर्ष 2011 में स्थापित बीबीओएसई एक अनूठा शिक्षा संस्थान है. जिसके माध्यम से रेगुलर एजुकेशन सिस्टम की पढ़ाई बीच में ही छोड़ने वाले लोग अपनी शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने का अवसर प्राप्त कर रहे हैं.
डीपीओ राजन कुमार ने बताया कि प्रति दिन दो पालियों में स्वच्छ, निष्पक्ष तथा कदाचारमुक्त परीक्षा का संचालन हो रहा है. पर्याप्त संख्या में महिला-पुरुष पुलिस बल के साथ स्थानीय सहकारिता पदाधिकारी नवल किशोर को स्टैटिक मजिस्ट्रेट के रूप में की गयी है.
उनकी तैनाती पेट्रोलिंग मजिस्ट्रेट की भूमिका में की गयी है. उन्होंने बताया कि नियमानुसार इस परीक्षा का आयोजन मार्च बीते जून में ही होना चाहिए था. लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इसके आयोजन में कुछ विलंब हुआ है. लेकिन परीक्षा संपन्न होने के बाद 20 नवंबर तक में परीक्षाफल घोषित कर देने की तैयारी है.
Posted by Ashish Jha