KK Pathak को लेकर बिहार में संग्राम, शिक्षा मंत्री बोले-किसी अफसर को गाली देने का अधिकार नहीं
बिहार में केके पाठक द्वारा कथित तौर पर मुख्यमंत्री के आदेश नहीं मानने और गाली देने को लेकर हंगामा मचा हुआ.
बिहार विधानसभा में राजद, कांग्रेस व वाम दल के सदस्यों ने गुरुवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) द्वारा मुख्यमंत्री के आदेश नहीं मानने और गाली देने के मामले में हंगामा किया. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इसका जवाब देते हुए सदस्यों को बताया कि यह मामला बुधवार को भी उच्च सदन (विधान परिषद) में आया था. वहां पर भी कुछ सदस्य किसी वीडियो या टेप में गाली की बात कर रहे थे. उस सदन में भी यह मुद्दा उठा था.
शिक्षा मंत्री ने बताया कि किसी अधिकारी को सामान्य नागरिक को भी गाली देने का अधिकार नहीं है. ऐसे में यह कैसे हो सकता कि वह शिक्षक या सदस्यों को गाली दे. पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा सदन के अंदर मोबाइल पर दिखाये जा रहे वीडियो का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि उच्च सदन में सभापित से अनुरोध किया गया है कि जो टेप दिखाया जा रहा है, उसमें आपत्ति को देखकर वो जो भी अनुशंसा करेंगे, उसको सरकार मानेगी.
बिहार विधानसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल आरंभ होते ही यह मामला विपक्षी सदस्यों ने उठाया. कांग्रेस के शकील अहमद खान का कहना था कि मुख्यमंत्री की दो दिन की घोषणा के बाद भी शिक्षा विभाग द्वारा उनकी बात नहीं मानी गयी है. अधिकारी गाली दे रहे हैं. स्कूलों में शिक्षकों को सुबह नौ बजे से पांच बजे तक उपस्थित रहने का आदेश वापस नहीं लिया गया है. इसको लेकर विपक्षी सदस्य वेल में आ गये और सरकार से इसका जवाब मांगने लगे. वेल में खड़े पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अपने मोबाइल के माध्यम से कोई गालीदेना वाला वीडियो मीडिया और आसन को दिखाने लगे. इसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने कहा कि कोई भी वीडियो सदन में दिखाकर नयी परंपरा की शुरुआत नहीं करें. इसको किसी भी सदस्य को इजाजत नहीं दी जा सकती.
KK Pathak को हटाने को लेकर पक्ष-विपक्ष आमने -सामने
विधानमंडल परिसर में गुरुवार को भी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिच केके पाठक को बर्खास्त करने की मांग को लेकर महागठबंधन के नेताओं ने प्रदर्शन किया. वहीं, सत्ता पक्ष के नेताओं ने उनकी कार्यशैली को बेहतर बताते हुए उनका बचाव किया है. पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा है कि केके पाठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बात नहीं मानते हैं, तो यह उन्हीं को बताना होगा कि उनके अधिकारी क्यों उनकी बात नहीं मान रहे हैं.
पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि केके पाठक जैसे गालीबाज अधिकारी को बर्खास्त कर देना चाहिए, जो मुख्यमंत्री का भी निर्देश नहीं मानते हैं. ऐसे अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने केके पाठक के कार्यकलापों की जांच कराने की मांग की. कहा कि इससे उनकी ईमानदारी का पता लग जायेगा कि वह कितने ईमानदार हैं.
मुख्यमंत्री को एक्शन लेना चाहिए : भाई वीरेंद्र
राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा ऐसे अधिकारी पर मुख्यमंत्री को एक्शन लेना चाहिए, जो खुलेआम शिक्षकों को गाली देता है. कांग्रेस नेता शकील अहमद खान कहा कि ऐसे अधिकारी को पद से हटाना चाहिए. भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि केके पाठक गालीबाज अधिकारी हैं. वह शिक्षकों को प्रताड़ित करते हैं. शिक्षा सुधार के नाम पर मुख्यमंत्री को धोखा दे रहे हैं. ऐसे अधिकारी को पद से तुरंत हटा देना चाहिए.
दूसरी ओर जदयू नेता पूर्व मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि जो शिक्षक जीवनभर स्कूल नहीं आये थे, वह भी समय से स्कूल आने लगे हैं. विभाग में जितना बजट है उसे खर्च करने के लिए और सुधार में केके पाठक ने बहुत प्रयास किया है. वह सख्त हैं,लेकिन उनकी कार्यशैली खराब नहीं. जहां तक एक वीडियो में शिक्षकों को गाली देने की बात है, मामला सभापति के पास है. पहले उन्हें जांच करने दीजिए और सरकार के समक्ष भी यह बात है. नियमानुसार काम होगा.
हंगामे के बीच प्रश्नकाल रहा जारी, विपक्ष ने किया सदन का बहिष्कार
विधानसभा में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को लेकर गुरुवार को लगातार तीसरे दिन भी विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया. सदस्यों का कहना था कि मुख्यमंत्री के आदेश के विभाग द्वारा नहीं माना जा रहा है. इसको लेकर विपक्षी सदस्य कार्यस्थगन कर इस पर चर्चा की मांग करते रहे. आसन द्वारा उनकी मांगों को नहीं मानने पर विपक्ष के सदस्यों ने वेल में आकर हंगामा किया. हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल जारी रहा. इससे नाराज राजद, कांग्रेस, माले, सीपीआइ और सीपीएम के सदस्य सदन से वाकआउट कर गये. शून्यकाल आरंभ होने पर विपक्ष के सदस्य सदन की कार्यवाही में शामिल हो गये.
विधानसभा भंग करने की फैलायी जा रही है अफवाह : अशोक चौधरी
विधान परिषद के बाहर गुरुवार को जदयू नेता अशोक चौधरी पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यह अफवाह फैलायी जा रही है कि मुख्यमंत्री विधानसभा भंग करना चाहते हैं. ऐसी कोई बात नहीं है, लेकिन कुछ लोगों को इस तरह की अफवाह फैलाना अच्छा लगता है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिया है रोजगार : चेतन आनंद
विधानसभा के बाहर राजद के बागी विधायक चेतन आनंद ने कहा कि बिहार में रोजगार तेजस्वी यादव ने नहीं दिया है. जिन्हें भी रोजगार मिला है और मिल रहा है. वह रोजगार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिया है. उन्होंने कहा कि राजद बिहार व देश के लोगों की भावनाओं से खेलता है. राजद नेता कभी रामायण, तो कभी भगवान को कुछ भी बाेलते रहे हैं. इसका जवाब राज्य की जनता लोकसभा और विधानसभा चुनाव में देगी और एनडीए लोकसभा में सभी सीटों पर जीत हासिल करेगी.
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