नीतीश कुमार करेंगे गैर भाजपा दलों को गोलबंद, राज्य कार्यकारिणी में बोले- 50 सीटों पर सिमट जायेगी भाजपा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर दोहराया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में सभी विपक्ष एकजुट हो गया, तो भाजपा 50 सीटों पर सिमट कर रह जायेगी. गैर भाजपा पार्टियों के साथ संपर्क को लेकर मुख्यमंत्री पांच सितंबर को दिल्ली जायेंगे.
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर दोहराया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में सभी विपक्ष एकजुट हो गया, तो भाजपा 50 सीटों पर सिमट कर रह जायेगी. गैर भाजपा पार्टियों के साथ संपर्क को लेकर मुख्यमंत्री पांच सितंबर को दिल्ली जायेंगे. जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने के बाद नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया कि वे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इडी, सीबीआइ व आइटी का दुरुपयोग कर डराने का प्रयास हो रहा है. इसके पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जदयू प्रदेश कार्यालय के कर्पूरी सभागार में राज्य कार्यकारिणी की बैठक में भी सम्मिलित हुए. शनिवार को प्रदेश कार्यकारिणी, राष्ट्रीय अधिकारियाें और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राजनीतिक प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई.
जिस पर विश्वास किया उसने ही तोड़ा भरोसा
कार्यसमिति के बाद आरसीपी सिंह का नाम लिये बिना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जिस व्यक्ति पर विश्वास किया, उसने भरोसा तोड़ दिया. पार्टी विरोधी काम और पार्टी को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा था. इसकी सूचना पहले मिली, बाद में जांच में सबकुछ स्पष्ट होने पर कार्रवाई किया.
सतर्क रहकर भाजपा पर नजर रखें
मुख्यमंत्री ने पूरे मनोयोग से सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को 2024 के चुनाव की तैयारी में जुटने का निर्देश दिया. साथ ही पार्टी की सदस्यता अभियान शुरू करने पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि सभी राज्यों में विपक्षीदलों की सीटें बेहतर मिलने पर ही कोई नेता तय होगा और सरकार बनेगी. उन्होंने सभी से सतर्क रहकर भाजपा पर नजर रखने के लिए कहा. भाजपा एससी, एसटी, अतिपिछड़ों को बहलाने और लुभाने का प्रयास कर सकती है. सीएम ने इन वर्गों के घरों तक पहुंच कर उनका विश्वास पार्टी के प्रति बनाये रखने का पार्टी नेताओं को निर्देश दिया.
दूसरे के विधायकों को तोड़ना गलत
मणिपुर में जदयू विधायकों को भाजपा में शामिल होने के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि दूसरी पार्टी के विधायकों को तोड़ना गलत बात है. देश में इस समय लोकतांत्रिक मूल्यों की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं. एक सितंबर को मणिपुर के छह विधायकों ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने की बात कही थी. इससे पहले वे मिले थे. अन्य पार्टियों से अपने तरफ लाना संवैधानिक काम नहीं है. सभी विपक्ष के लोग एकजुट होंगे तो 2024 में अच्छा निर्णय हो जायेगा.
भाजपा और केंद्र सरकार पर हमलावर रहा जदयू
इससे पूर्व जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शनिवार को पूरी पार्टी भाजपा और केंद्र सरकार पर हमलावर रही. राजनीतिक प्रस्ताव में केंद्र पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिये जाने और मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में जातीय जनगणना कराये जाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिये जाने की चर्चा करते हुए इसके चलते भाजपा से संबंध तोड़े जाने का कारण बताया गया. साथ ही पूरी पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति एकजुटता प्रदर्शित की. पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी ने राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया.
नीतीश कुमार को अधिकृत करने का प्रस्ताव पेश
राष्ट्रीय महासिचव हर्षवर्द्धन सिंह ने भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलाें को एकजुट करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत करने का प्रस्ताव पेश किया . वहीं, राष्ट्रीय महासचिव रवींद्र सिंह ने सांसद अनिल हेगड़े को राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी बनाये जाने का प्रस्ताव पेश किया. रविवार को राष्ट्रीय परिषद की बैठक में इस पर मुहर लगायी जायेगी. राजनीतिक प्रस्ताव में विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग माॅडल से जदयू को कमजोर करने की कोशिश की विस्तार से चर्चा की गयी. नगालैंड में सरकार गिराने को लेकर भाजपा की आलोचना की गयी.
राजनीतिक प्रस्तावों पर भी चर्चा
राज्य कार्यकारिणी की बैठक में पूर्व विधायक मंजीत सिंह ने राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया, जिसका समर्थन संतोष निराला ने किया. बैठक के बाद यह बातें छन कर आयी कि देश में भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता को धार देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पांच सितंबर को दिल्ली जायेंगे. वहां वे लोकसभा और राज्य सभा के नेता प्रतिपक्ष, कांग्रेस नेतृत्व सहित अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से मिलकर 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ रणनीति तैयार करेंगे.