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बिहार में सूखे की आहट के बीच सभी जिलों के कृषि पदाधिकारियों को किया गया अलर्ट, जानिए किसानों के लिए तैयारी..

बिहार में सूखे की आहट के बीच अब वैकल्पिक फसलों की खेती होगी. सामान्य से 48 फीसदी कम बारिश होने के कारण अब सूखा दस्तक देने लगा है. कृषि विभाग की ओर से अब नयी पहल की जा रही है ताकि इस समस्या से बाहर निकला जा सके. जानिए पूरी तैयारी..

Bihar News: निर्धारित समय से एक दिन पहले बिहार में मानसून के दस्तक देने के बाद भी इस साल अपेक्षित बरसात नहीं हुई है. लिहाजा, बिहार की देहरी पर अब सूखा दस्तक देने जा रहा है. इस मानसून सीजन के दौरान सामान्य से 48 फीसदी कम बारिश हुई है. दो जिलों बक्सर और किशनगंज को छोड़ दें (वहां भी बारिश सामान्य से आठ से पंद्रह फीसदी कम है), तो शेष जिलों में बारिश अब तक सामान्य से काफी कम हुई है. वहीं अब वैकल्पिक खेती की तैयारी चल रही है.

बेहद कम बारिश दर्ज की गयी, खेती पर पड़ा असर

प्रदेश के 10 जिलों में 60 से 83 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई है. इसके अलावा 20 जिले ऐसे हैं जहां 40 से 60 मिलीमीटर के बीच कम बारिश हुई है. शेष जिलों में 21 से 40 फीसदी से कम बारिश दर्ज की गयी है. पिछले 36 घंटे से बिहार के ऊपर ट्रफ लाइन के गुजरने के बाद भी बादल बिना बरसात किये गुजरे जा रहे हैं. इधर, राज्य में कम बारिश होने के कारण धान की खेती प्रभावित हो गयी है. अब तक केवल 49 फीसदी ही धान की रोपनी हुई है. अब तक 442.3 एमएम बारिश होनी चाहिए थी, जिसमें मात्र 242.2 मिलीमीटर ही वर्षा हुई है. 28 व 29 जुलाई को बारिश न के बराबर हुई है. 30 को शाम तक बारिश नहीं हुई थी. इस कारण अब राज्य में सूखे की स्थिति से निबटने के लिए वैकल्पिक खेती पर कृषि विभाग की पहल शुरू हो गयी है.

जिला कृषि पदाधिकारियों को किया गया अलर्ट

राज्य के सभी जिला कृषि पदाधिकारी को इसे लेकर सचेत कर दिया गया है. 17 तरह की वैकल्पिक फसलों की खेती पर जोर देने का निर्देश दिया गया है. पहले से ही वैकल्पिक फसल के तहत आने वाली फसलों के बीज का स्टॉक किया गया है. खाद की उपलब्धता खंगाली गयी है. वहीं, आकस्मिक फसल योजना के तहत इसके लिए 50 करोड़ रुपया सुरक्षित रखा गया है. सरकार डीजल अनुदान दे रही है.

बिहार में बारिश…

बिहार में सामान्य तौर पर 30 जुलाई तक 494.4 मिलीमीटर बारिश हुआ करती है. इस अवधि में अब तक केवल 254.8 मिलीमीटर ही वर्षा हुई है. सीतामढ़ी में सामान्य से 83%, शिवहर में सामान्य से 75%, पूर्वी चंपारण में 70%, सरहसा में 68, बेगूसराय में 67, समस्तीपुर और सारण में 66 प्रतिशत, मुजफ्फरपुर में 65, नालंदा में 61% और गोपालगंज में 60% कम बारिश दर्ज की गयी है. विशेषज्ञों के मुताबिक ये जिले जबरदस्त सूखे की चपेट में आ सकते हैं. यहां खेती की स्थिति केवल भू जल पर जा टिकी है.

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इन वैकल्पिक फसलों की होगी खेती..

शॉर्ट टर्मधान, संकर मक्का, अरहर, उड़द, तोरिया, सरसों, मटर, भिंडी, मूली, कुल्थी, मड़ुआ, सांवा, कोदो, ज्वार, बरसीम की खेती वैकल्पिक तौर पर की जायेगी. आकस्मिक फसल योजना के तहत किसानों को इन फसलों का बीज दिया जायेगा. इसके लिए पूर्व से 50 करोड़ रुपये की राशि सुरक्षित रखी गयी है.

41 हजार 264 क्विंटल बीज किया गया स्टॉक

15 अगस्त तक बिहार के कई जिलों में धान की रोपनी होती है. इस कारण कृषिविभाग 15 अगस्त तक बारिश का इंतजार कर रहा है. इसके बाद वैकल्पिक खेती के तहत आने वाली फसलों का बीज किसानों के बीच वितरित करना शुरू कर दिया जायेगा. इसके लिए 41 हजार 264 क्विंटल बीज कृषिविभाग ने मंगा कर रख लिया है. केंद्र सरकार से और बीज की डिमांड की गयी है.

कुल जरूरत का 62% यूरिया ही उपलब्ध

राज्य में अभी धान की खेती काफी प्रभावित हुई है. इस कारण खाद की अभी उतनी जरूरत नहीं पड़ रही है. मगर, जैसे ही वैकल्पिक खेती शुरू होगी. खाद की डिमांड बढ़ जायेगी. राज्य में अभी कुल जरूरत का 62% ही यूरिया उपलब्ध है. इसमें डीएपी कुल आवश्यकता का 60%, एनपीके कुल आवश्यकता का 59 फीसदी तथा एमओपी कुल आवश्यकता का 19 % ही उपलब्ध है.

किसान न के बराबर पैक्स में बेच रहे गेहूं

न्यूनतम समर्थन मूल्य कम होने के कारण राज्य के किसान पैक्स में गेहूं काफी काम मात्रा में बेच रहे हैं. बीते चार वर्ष में इस साल काफी कम मात्रा में केवल 593.319 मीट्रिक टन गेहूं ही किसानों ने पैक्स में बिक्री की है. वर्ष 2020-21 में 3710.267 मीट्रिक टन, वर्ष 2021-22 में 455518.463, वर्ष 2022-23 में 3066.615 मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री ही किसानों ने पैक्स में की थी. राज्य में आठ हजार से अधिक पैक्स हैं. इसमें आधे पैक्स में ही किसानों ने धान की बिक्री की. वर्ष 2020-21 में 4391, वर्ष 2021-22 में 5645, वर्ष 2022- 23 में 4384 तथा वर्ष 2023-24 में 4169 पैक्स में ही किसानों ने गेहूं की बिक्री की. समर्थन मूल्य से अधिक दाम बाजार में मिलने के कारण किसान बाजाार की ओर से रूख कर रहे हैं.

चार वर्षों में इस साल सबसे कम गेहूं पैक्स में बेचे

चार साल में इस साल किसानों ने सबसे कम गेहूं पैक्स में बेचे हैं. वैशाली में एक भी पैक्स में किसानों ने गेहूंनहीं बेचा है. अररिया में 1 मीट्रिक टन, औरंगाबाद में 2.50, दरभंगा में 1, कटिहार में 1, खगड़िया में .10, किशनगंज में 1, मधेपुरा में .50, पूर्णिया में .50, समस्तीपुर में 1.50, बांका में .70 मीट्रिक टन गेहूं ही किसानों ने पैक्स में बेचे हैं. समस्तीपुर के किसानों ने सर्वाधिक 190 मीट्रिक टन गेहूं पैक्स में बेचे हैं.

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