बिहार में अब अपार्टमेंट-हाउसिंग सोसाइटी की छतों पर फूलों के संग उगेंगी जैविक सब्जियां, जानें नए तकनीक
Bihar News: उद्यान निदेशालय ग्रीन पटना की परिकल्पना के साथ डाफ्ट तैयार कर रहा है. ऊंचाई से पटना शहर को कोई देखेगा (एरियल व्यू ) तो शहर हरा-भरा दिखेगा. पटना में लक्ष्य 250 यूनिट से बढ़ा कर 500 करने की तैयारी है.
अनुज शर्मा/पटना. घर की छत पर फूलों की खुशबू के बीच जैविक सब्जियों उगा कर ‘ देशी स्वाद ’को चखने वाले पटना, गया, भागलपुर और मुजफ्फरपुर के लोगों ने सरकार को ऐसा फीडबैक दिया है कि वह योजना में बड़ा बदलाव करने जा रही है. छत पर बागवानी योजना से लाभ अब अपार्टमेंट और हाउसिंग सोसाइटी को भी मिल सकेगा. उद्यान निदेशालय ग्रीन पटना की परिकल्पना के साथ डाफ्ट तैयार कर रहा है. ऊंचाई से पटना शहर को कोई देखेगा (एरियल व्यू ) तो शहर हरा-भरा दिखेगा. पटना में लक्ष्य 250 यूनिट से बढ़ा कर 500 करने की तैयारी है. इससे राजधानी के दर्जनों बड़े-बड़े अपार्टमेंट और सोसाइटी में रहने वाले लाभान्वित हो सकेंगे.
योजना को रिलांच किया जायेगा
पर्यावरण को शुद्ध करने और खाने की थाली में छत पर उगायी गयी जैविक सब्जी उपलब्ध कराने के लिए पटना, गया, भागलपुर और मुजफ्फरपुर शहर में ‘छत पर बागवानी’ योजना शुरू की गयी थी. चारों शहरों के 1300 लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया था. योजना में लोगों ने रुचि तो खूब दिखायी, लेकिन लक्ष्य पूरा नहीं हुआ. निदेशक उद्यान की अध्यक्षता में एक टीम का गठन किया गया. 20 लोगों की टीम ने आॅनलाइन तरीके से फीडबैक लिया . सैकड़ों लोगों ने सुझाव के अधार पर वित्तीय वर्ष 2022- 23 में योजना को रिलांच किया जायेगा. उद्यान निदेशक नंद किशोर के नेतृत्व में सहायक निदेशक उद्यान तृप्ति गुप्ता, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के वैज्ञानिक डाॅ रंधीर, डॉ रुबी रानी सहित 20 विशेषज्ञों की टीम छत पर बागवानी योजना को जनता के मनमाफिक तैयार करने में जुटी है.
मेडिसिन पौधे लगेंगे लाभुक की मर्जी से एक्सपर्ट करेंगे विजिट
छत पर बागवानी योजना में कई बड़े बदलाव किये जा रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यूनिट कॉस्ट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. योजना में अभी तक टमाटर, बैंगन आदि विभिन्न सब्जियों का बीज दिया जाता था. अब बीज की जगह पौधा दिया जायेगा. तुलसी, अश्वगंधा, सतावर, मूसली आदि मेडिसिन प्लांट भी लगाये जायेंगे. फूलों के साथ- साथ नीबू , अमरूद, अंजीर, पपीता, आम्रपाली आम आदि फल उगा सकेंगे. अभी कार्यदायी कंपनी की टीम अपनी मर्जी से लाभुक के यहां विजिट करती थी, अब ऐसा नहीं होगा. लाभुक तय करेगा कि कंपनी के लोग कब विजिट करें. विजिट का समय अंतराल भी तय किया जा रहा है.
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अभी 300 वर्गफुट की छत के लिए योजना
अभी 300 वर्गफुट की छत के लिए योजना है. इसमें इकाई पर 50 हजार रुपये खर्च आता है. लाभुक पहले 25 हजार रुपये जमा करता है. इसके बाद सरकार 25 हजार रुपये और जोड़ कर एजेंसी 50 हजार रुपये देती है. यह एजेंसी ही छत पर पूरा सेटअप तैयार कर देती है. इस योजना के लिए उद्यान निदेशालय में केवल ऑनलाइन आवेदन करना होता है.