पटना. शिक्षा विभाग की ओर से कोचिंग संस्थानों को नियमों का पालन कराने के लिए कोचिंग संस्थानों की लिस्टिंग की जा रही है. इसके लिए जिले के विभिन्न प्रखंडों में संचालित किये जा रहे कोचिंग संस्थानों को सूचीबद्ध करने का कार्य शुरू कर दिया गया है. फिलहाल जिले के 15 प्रखंडों के 1300 कोचिंग संस्थानों की सूची बनायी गयी है, जिनको पहले सूचना भेजकर विभाग द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों की जानकारी दी जायेगी. इसमें स्कूल अवधि में कोचिंग का संचालन नहीं करने को लेकर सूचित किया जायेगा. इसके साथ ही सभी कोचिंग संस्थानों को शाम चार से रात नौ बजे तक ही पढ़ाने के निर्देश का पालन करने के लिए बाध्य किया जायेगा.
15 प्रखंडों के 1300 से अधिक कोचिंग संस्थानों की सूची तैयार
सूचना के आलोक में विभाग के आदेश का अनुपालन नहीं करने वाले कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई की जायेगी. इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि फिलहाल 15 प्रखंडों के 1300 से अधिक कोचिंग संस्थानों की सूची तैयार की गयी है. उन्होंने बताया कि सूचना देने के बाद भी विद्यालय संचालन की अवधि में यदि कोचिंग का संचालन किया जाता है, तो कोचिंग संस्थान को बंद करवाने के साथ ही कार्रवाई की जायेगी. जिन कोचिंग संस्थानों की सूची तैयार की गयी है उन सभी से रजिस्ट्रेशन की प्रति भी मांगी जायेगी.
स्कूलों में निरीक्षण के दौरान हाइस्कूलों में दिखी कम उपस्थिति
शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों के निरीक्षण के दौरान शिक्षकों ने कक्षा नौ से 12 वीं तक के बच्चों की उपस्थिति कम पायी जा रही है. क्लास में कम उपस्थिति का एक वजह कोचिंग में ज्यादा अध्ययन करना भी है. अपर मुख्य सचिव को यह भी शिकायत मिली कि शिक्षक (विज्ञान व गणित के शिक्षक) भी कोचिंग संस्थानों में सेवा देते हैं. इसके बाद अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को कोचिंग के समय का निर्धारण करने और पंजीकृत कोचिंग को ही संचालित करने का निर्देश दिया था.
जिले में मात्र 413 कोचिंग ही पंजीकृत
जिला शिक्षा पदाधिकारी स्तर पर की जांच में पता चला कि जिले में मात्र 413 कोचिंग संस्थान पंजीकृत पाये गये. 138 कोचिंग संस्थान तय मानक पर खरे नहीं उतरे. वर्तमान में 1011 कोचिंग संस्थानों ने पंजीयन के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में आवेदन दिया है. इनकी जांच चल रही है. जो 138 कोचिंग संस्थान मानक पर खरे नहीं उतरे, उनको विभाग की ओर से बंद करने का निर्देश दिया गया है. इसके बावजूद ये कोचिंग संस्थान संचालित होते पाये गये से तो उन पर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी.
जानें क्या है कोचिंग संस्थानों के लिए नियम कानून
बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं और पाठ्यक्रम की तैयारी और विशिष्ट संस्थानों में प्रवेश आदि में बेहतर शैक्षणिक सहायता प्रदान करने के लिए राज्य के निजी कोचिंग संस्थानों के नियंत्रण और विनियमन का प्रावधान करने के लिए बिहार सरकार ने एक कानून बना रखा है. इस कानून को बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 कहा जा सकता है.
कोचिंग संस्थान की स्थापना/पंजीकरण के नियम
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(1) पूर्व संचालित कोचिंग संस्थानों को इस अधिनियम के लागू होने के एक माह के भीतर पंजीकरण कराना होगा.
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(2) इस अधिनियम के लागू होने के बाद वैध पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना कोई भी कोचिंग संस्थान स्थापित या चलाया नहीं जाएगा.
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(3) पंजीकरण की अवधि 3 वर्ष होगी.
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(4) इस अधिनियम के लागू होने के बाद, कोई भी व्यक्ति जो कोचिंग संस्थान स्थापित करना या चलाना चाहता है, उसे निर्धारित प्रपत्र में रुपये के पंजीकरण शुल्क के साथ जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन करना होगा. 5,000 (पांच हजार)
निम्नलिखित जानकारी के साथ देना होगा आवेदन
(ए) पाठ्यक्रम का निर्धारण
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(1) विभिन्न प्रकार के शैक्षणिक समर्थन के लिए पाठ्यक्रम और पाठ्यक्रम को पूरा करने की अवधि को स्पष्ट किया जाएगा.
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(2) प्रत्येक पाठ्यक्रम के लिए अधिकतम छात्रों की संख्या का उल्लेख किया जाएगा.
(बी) शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता
अध्यापन गैर-सरकारी शिक्षकों या कम से कम स्नातक योग्यता वाले सेवानिवृत्त शिक्षकों द्वारा किया जाएगा, शिक्षकों के बायोडाटा के साथ उनकी शैक्षणिक योग्यता और अनुभव का उल्लेख किया जाएगा
(सी) ट्यूशन फीस
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(1) कोचिंग संस्थान को एक प्रॉस्पेक्टस जारी करना होगा, जिसमें अलग-अलग पाठ्यक्रम/पाठ्यक्रम पूरा करने की अवधि और ट्यूशन फीस का उल्लेख होगा.
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(2) पाठ्यक्रम के अंतर्गत व्याख्यान, ट्यूटोरियल, समूह चर्चा आदि की संख्या विवरणिका में अंकित करना अनिवार्य होगा.
(डी) भौतिक अवसंरचना
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कोचिंग संस्थान की मूल संरचना के भीतर, प्रत्येक छात्र के लिए न्यूनतम एक वर्ग मीटर, क्षेत्र होना चाहिए.
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अन्य सुविधाएं – इसके अंतर्गत प्रत्येक कोचिंग संस्थान द्वारा निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
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(i) पर्याप्त फर्नीचर (बेंच/डेस्क आदि);
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(ii) पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था (विद्युतीकरण);
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(iii) पीने के पानी की सुविधा;
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(iv) शौचालय की सुविधा;
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(v) स्वच्छता एवं साफ-सफाई की सुविधा;
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(vi) अग्निशामक यंत्र की व्यवस्था;
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(vii) चिकित्सा उपचार सुविधा;
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(viii) साइकिल/वाहनों की पार्किंग की सुविधा.
अधिकार
(1) पंजीकरण प्रमाण पत्र आवेदन के तीस (30) दिन के अन्दर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा धारा-3 के अन्तर्गत पंजीकरण की शर्तों के आधार पर परीक्षणोपरान्त दिया जायेगा। पंजीयन प्रमाण पत्र के लिए प्रस्तुत आवेदन अस्वीकृत होने की स्थिति में इस आशय के कारणयुक्त आदेश की प्रति आवेदक को दी जायेगी। एक पंजीकरण समिति का गठन किया जाएगा जिसमें निम्नलिखित शामिल होंगे.
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(ए) जिला मजिस्ट्रेट – अध्यक्ष
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(बी) पुलिस अधीक्षक – सदस्य
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(सी) जिला शिक्षा अधिकारी – सदस्य सचिव
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(डी) प्राचार्य (संघटक महाविद्यालय) – सदस्य
(2) पंजीकरण के 3 वर्ष पूर्ण होने पर शीघ्र ही पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए कोचिंग संस्थान को निर्धारित प्रपत्र में रुपये के साथ आवेदन करना होगा. 3,000 (तीन हजार) पंजीकरण शुल्क.
कोचिंग संस्थान की गतिविधियों की जांच
जिला मजिस्ट्रेट, उप-विभागीय अधिकारी के पद से नीचे के अधिकारी द्वारा, पंजीकरण की आवश्यक पात्रता की पूर्ति और कोचिंग संस्थान की संतोषजनक गतिविधियों के संबंध में पूछताछ करवाएंगे.
दंड
(1) इस अधिनियम के तहत प्राधिकरण के पास सिविल न्यायालयों की शक्ति होगी. प्राधिकरण के पास ऐसी शक्ति होगी जो किसी भी मुकदमे पर विचार करने के लिए सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (1908 का 5) के तहत अदालतों में निहित है.
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(i) शपथ पत्र के माध्यम से प्रमाण सहित साक्ष्य स्वीकार करना;
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(ii) किसी भी व्यक्ति को बुलाना और उसकी उपस्थिति सुनिश्चित करना और शपथ पर उसकी जांच करना;
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(iii) अभिलेखों के उत्पादन को लागू करना
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(iv) लागत पुरस्कार देना.
(2) इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान या इस अधिनियम के तहत जारी नियमों और अधिसूचना के उल्लंघन के मामले में, कोचिंग संस्थान निम्नानुसार दंड के लिए उत्तरदायी होगा
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(i) रु. पहले अपराध के लिए 25,000/- रु.
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(ii) रु. 1,00,000/- दूसरे अपराध के लिए होगा.
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(iii) दूसरे अपराध के बाद कोचिंग संस्थान के खिलाफ आरोप साबित होने की स्थिति में पंजीकरण के लिए गठित समिति द्वारा कारण बताओ और सुनवाई का पर्याप्त अवसर देने के बाद पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा.
अपीलीय प्राधिकारी और शिकायतों का निपटान
शिकायतों का निस्तारण- छात्रों या संस्थान के कर्मचारियों द्वारा कोचिंग संस्थान के विरुद्ध तथा कोचिंग संस्थान द्वारा छात्रों के विरुद्ध अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज की जाएगी. उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में निम्नलिखित गठित समिति द्वारा 30 (तीस) दिवस के अन्दर शिकायतों का निस्तारण किया जायेगा.
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(ए) अनुविभागीय अधिकारी – अध्यक्ष
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(बी) उपविभागीय पुलिस अधिकारी/पुलिस उपाधीक्षक -सदस्य
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(सी) उपखण्ड शिक्षा अधिकारी – सदस्य सचिव जांच के बाद समिति जुर्माना लगाने या पंजीकरण रद्द करने, जैसा भी मामला हो, के लिए पंजीकरण प्राधिकारी को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
अपीलीय प्राधिकरण
धारा 4, 5, 6 व 7 के तहत कार्रवाई के खिलाफ पीड़ित कोचिंग संस्थान 30 दिन के अंदर प्रमंडलीय आयुक्त के समक्ष अपील दायर करेगा. संभागीय आयुक्त अपील भरने के 45 (पैंतालीस) दिनों के भीतर अपील का निपटान करेंगे. संभागीय आयुक्त का निर्णय अंतिम होगा.
नियम बनाने और अधिसूचना जारी करने की शक्ति: सरकार, पूर्व-प्रकाशन के अधीन, इस अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के प्रयोजनों के लिए नियम और विनियम बनाएगी और अधिसूचनाएं जारी कर सकती है.
शंकाओं एवं कठिनाइयों के निवारण की शक्ति: यदि इस अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने में कोई संदेह और कठिनाइयाँ आती हैं, तो सरकार कोई भी ऐसा स्पष्टीकरण जारी करेगी जो इस अधिनियम या इसके तहत बनाए गए नियमों के प्रावधानों के तहत संदेह और कठिनाइयों को दूर करने के लिए आवश्यक समझे और अधिसूचनाएँ जारी करेगी.