बेगूसराय में यूरिया के लिए किसानों में हाहाकार, रबि फसल पर ग्रहण, बाजार में मिल रहा डबल रेट में खाद
बेगूसराय जिले के भगवानपुर में रबि फसल के लिए यूरिया खाद की किल्लत किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. रबी फसल सिंचाई के बाद किसान यूरिया खाद के लिए बाजार सहित प्रखंड मुख्यालय स्थित बिस्कोमान भवन का चक्कर काट रहे हैं.
बेगूसराय में किसानों को खाद नहीं मिल रहा है. किसानों को खेतों में पटवन के बाद यूरिया देने की सख्त जरूरत हो रही है, लेकिन जरूरत के हिसाब से जिले में यूरिया का आवंटन नहीं होने से किसानों के बीचऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिले में 10 हजार से अधिक मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत है, लेकिन अभी मात्र 2052 मीट्रिक टन ही यूरिया उपलब्ध हो पायी है. इससे किसानों को यूरिया के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. पटवन के साथ ही फसल को बेहतर उपज के लिए यूरिया की आवश्यकता होती है, लेकिन बाजार में यूरिया का आभाव है. जिले में यूरिया की कमी होने के कारण बाजार में कुछ दुकानदारों के द्वारा मनमाने रेट में बेचा जा रहा है.
डीएम से यूरिया उपलब्ध कराने की मांग
बेगूसराय जिले के भगवानपुर में रबि फसल के लिए यूरिया खाद की किल्लत किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. रबी फसल सिंचाई के बाद किसान यूरिया खाद के लिए बाजार सहित प्रखंड मुख्यालय स्थित बिस्कोमान भवन का चक्कर काट रहे हैं. तमाम तरह के विभागीय दावे के बाद भी किसानों को जरूरत के मुताबिक यूरिया खाद नहीं मिल रही है. जानकारी के अनुसार प्रखंड क्षेत्र में करीब चार हजार हेक्टेयर भूमि में गेहूं एवं करीब डेढ़ हजार हेक्टेयर में सरसों, मक्का, आलू, चना व मसूर आदि फसल की खेती की गयी है. किसान फसल बोआई के बाद सिंचाई करके रसायनिक यूरिया खाद खेत में देते हैं. जो किसान फसल सिंचाई कर चुके हैं, उन्हें यूरिया खाद को लेकर दर दर भटकना पड़ रहा है.
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बाजार में मिल रहा डबल रेट में यूरिया
बछवाड़ा प्रखंड मुख्यालय स्थित बिस्कोमान भवन में यूरिया खाद समाप्त होते ही किसानों को मंहगी दरों पर खाद खरीदने को विवश होना पड़ता है. प्रखंड की विभिन्न पंचायतों में खुदरा विक्रेताओं के द्वारा यूरिया खाद मनमाने तरीके से बेचा जा रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिस्कोमान में यूरिया खाद सरकारी कीमत 265 रुपये में वितरण किया जाता है, लेकिन जैसे ही बिस्कोमान भवन में यूरिया खाद समाप्त होती है, वैसे ही खुदरा खाद विक्रेताओं के द्वारा खाद की कीमत डबल कर दी जाती है.