बिहार में यूरिया ना बा: यहां पर्ची कटाने थाने पहुंचे किसान, फिर एक किमी दूर लाइन में लगकर ली खाद
सासाराम के तिलौथू प्रखंड क्षेत्र में प्रतिदिन खाद के लिए हाहाकार मचा हुआ है. इस बीच, बुधवार को किसानों के बीच एक बार फिर से बड़े पैमाने पर खाद का वितरण किया गया. खाद वितरण की खबर मिलते ही किसानों की भीड़ जुट गयी.
बिहार में यूरिया के लिए हाहाकार मचा हुआ है. इस कड़ाके की ठंड में किसान लंबी लाइन में लगकर यूरिया खाद ले रहे है. वहीं कुछ किसानों का कहना है कि दिनभर लाइन में लगने के बाद भी यूरिया नहीं मिल पा रही है. इधर, भोजपुर जिले के बिहिया बिस्कोमान केंद्र पर सीसीटीवी की निगरानी में खाद बांटने की खबर आ रही है. वहीं गड़हनी थाने में पर्ची बांटी जा रही है. जिसके कारण किसानों को दो बार लंबी कतार से गुजरना पड़ रहा है. गड़हनी थाने से पर्ची लेने के बाद किसानों को एक किमी दूर लाइन में लगकर यूरिया लेनी पड़ रही है. बता दें कि गेहूं की पटवन करने के बाद किसानों को खेत में यूरिया डालने के लिए नहीं मिल रही है. जिसके कारण किसान प्रतिदिन दुकानों का चक्कर लगा रहे है.
सासाराम के तिलौथू में 15 सौ बोरी यूरिया का हुआ वितरण
सासाराम के तिलौथू प्रखंड क्षेत्र में प्रतिदिन खाद के लिए हाहाकार मचा हुआ है. इस बीच, बुधवार को किसानों के बीच एक बार फिर से बड़े पैमाने पर खाद का वितरण किया गया. इस संबंध में तिलौथू के प्रखंड कृषि पदाधिकारी (बीएओ) ठाकुर प्रसाद पासवान ने बताया कि प्रखंड के लिए फिलहाल 1500 बोरी चंबल यूरिया खाद का आवंटन हुआ है और उठाव करके वितरण भी शुरू कर दिया गया है. तिलौथू की चार दुकानों पर खाद का वितरण किया जा रहा है. इसमें निमियाडीह में एक दुकान व पथरा में एक दुकान पर खाद का वितरण किसानों के बीच सुबह से ही किया गया. अब खाद की किल्लत एकदम नहीं होगी, क्योंकि इसकी जानकारी वरीय पदाधिकारियों को भी है और अब खाद का भरपूर आवंटन भी कराया जा रहा है.
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खाद की दुकानों में लटके ताले को देख मायूस लौटे किसान
इधर, कैमूर जिले के भगवानपुर स्थित बाजार की कई खाद दुकानों में लटके ताले को देखकर सैकड़ों किसान बाजार के विभिन्न हिस्सों में भटकते देखे गये, फिर मायूस होकर अपने-अपने घरों के लिए लौट गये. बता दें कि बीते मंगलवार को खाद बिक्री में विलंब होने की समस्या को लेकर स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के सैकड़ों आक्रोशित किसानों ने कृषि विभाग के कर्मियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए यमुना बाबा तिराहे को घंटों तक जाम रखा था. इस दौरान सभी दुकानों पर महिला व पुरुष किसानों की लंबी-लंबी लाइनें लगी थीं. अब हुआ यह कि लाइन में खड़े कई किसानों को खाद मिल गयी, जबकि बहुत सारे किसान लाइन में घंटों तक खड़े रहने के बावजूद यूरिया लेने से वंचित रह गये.