सहरसा सदर अस्पताल में ऑक्सीजन के सिलिंडर का नहीं खुला नॉब, मरीज की गयी जान
सदर अस्पताल के आइसीयू में 11दिनों से भर्ती एक वृद्ध मरीज की ऑक्सीजन के अभाव में मौत हो गयी. मृतक 65 वर्षीय मो मनी आलम बरियाही वार्ड नंबर 12 के रहनेवाले थे. परिजनों ने 23 फरवरी को गंभीर हालत में इस अस्पताल में भर्ती कराया था. उनका इलाज आइसीयू में चल रहा था.
सहरसा. सदर अस्पताल के आइसीयू में 11दिनों से भर्ती एक वृद्ध मरीज की ऑक्सीजन के अभाव में मौत हो गयी. मृतक 65 वर्षीय मो मनी आलम बरियाही वार्ड नंबर 12 के रहनेवाले थे. परिजनों ने 23 फरवरी को गंभीर हालत में इस अस्पताल में भर्ती कराया था. उनका इलाज आइसीयू में चल रहा था. परिजनों ने बताया कि अटेंडेंट ने फोन कर घर में सूचना दी कि ऑक्सीजन बहुत कम मात्रा में मिल रहा है. परिजन द्वारा चेक करने पर ऑक्सीजन सिलिंडर खाली था. सिलिंडर बदलने के लिए नॉब को खोलने की कोशिश की जाने लगी, लेकिन आधा घंटा बीत जाने के बाद भी नॉब नहीं खुला. इसके कारण पूरे आइसीयू में ऑक्सीजन की सप्लाइ बंद हो गयी. ऑक्सीजन नहीं मिलने से मरीज ने दम तोड़ दिया.
23 फरवरी कोई हुआ था भर्ती
बीते 23 फरवरी से गंभीर हालत में भर्ती था. मरीज का उपचार लगातार जिला अस्पताल में चल रहा था. हालांकि डॉक्टर के द्वारा मरीज को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया था, लेकिन गरीबी और मरीज की गंभीर हालत के कारण उन्हें जिला अस्पताल स्थित आइसीयू में इलाज कराया जा रहा था. मौत को लेकर मृतक के दामाद गांधीपथ निवासी मो शकील हुसैन ने बताया कि मरीज के साथ यहां मौजूद अटेंडेंट के द्वारा फोन कर घर में सूचना दी गयी कि ऑक्सीजन बहुत कम मात्रा में मिल रहा है. आइसीयू में कोई कर्मी या डॉक्टर मौजूद नहीं थे. घर से पहुंचने पर ढूंढ़ कर आइसीयू में कर्मी को लाया गया. ऑक्सीजन सिलिंडर चेक करने पर खाली मिला. सिलिंडर बदलने के लिए नॉब को खोलने की कोशिश की जाने लगी, लेकिन आधा घंटा बीत जाने के बाद भी सिलिंडर का नॉब नहीं खुल सका
अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं
इस मामले में सिविल सर्जन किशोर कुमार मधुप ने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. आइसीयू और एनआइसीयू में सिलिंडर से ही ऑक्सीजन की सप्लाइ फिलहाल की जा रही है. कुछ तकनीकी कारणों से ही नॉब खुलने में दिक्कत आयी होगी, जिसके कारण मरीज की मौत हो गयी. आइसीयू व एनआइसीयू तक प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाइ की व्यवस्था करायी जा रही है. जल्द ही समस्या का समाधान कर लिया जायेगा. वहीं कर्मियों के नहीं रहने को लेकर भी जांच की जायेगी. जांच के दौरान अगर कोई भी कर्मी या डॉक्टर अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद नहीं रहते हैं, तो उन पर भी कार्रवाई होगी.