रोज कंधे पर ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचा रहा 72 साल का पिता, नहीं बचा पाया बेटे की जान

एसकेएमसीएच के कोरोना वार्ड में भर्ती विमलेश ने देर रात दम तोड़ दिया. उसकी जान बचाने के लिए उसके पिता सुख सागर राम 72 साल उम्र में भी खुद ऑक्सीजन का सिलेंडर अपने बूढ़े कंधे पर लाद कर अस्पताल के ऊपरी तल पर स्थित कोविड वार्ड में पहुंचाते रहे.

By Prabhat Khabar News Desk | May 12, 2021 1:24 PM

मुजफ्फरपुर. एसकेएमसीएच के कोरोना वार्ड में भर्ती विमलेश ने देर रात दम तोड़ दिया. उसकी जान बचाने के लिए उसके पिता सुख सागर राम 72 साल उम्र में भी खुद ऑक्सीजन का सिलेंडर अपने बूढ़े कंधे पर लाद कर अस्पताल के ऊपरी तल पर स्थित कोविड वार्ड में पहुंचाते रहे.

वह रोज कंधे पर ऑक्सीजन सिलेंडर लिए लड़खड़ाते कदमों से अस्पताल की सीढ़ी चढ़ते, लेकिन वह पुत्र की जान नहीं बचा पाये. सीतामढ़ी सुरसंड निवासी सुखसागर राम ने बताया कि विमलेश मेहनत मजदूरी कर जीवन यापन करता था. उसे तीन बेटी और एक बेटा है. वह एक शादी में शामिल होने नेपाल गया हुआ था. इसी दौरान उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. वहां से वह सीधे मुजफ्फरपुर पहुंचा. उसका ऑक्सीजन लेबल काफी गिर चुका था.

जांच में कोरोना की पुष्टि होने पर उसे एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया. एक ऑक्सीजन सिलेंडर भी अधिक दाम पर खरीदा. अस्पताल के कर्मी ऑक्सीजन सिलेंडर लाने के लिए तैयार नहीं होते था. उनका कहना है कि खुद ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आइये. लेकिन इसके बाद भी वह अपने बेटे को नहीं बचा पाये.

डेड बाॅडी पैकिंग करने में 1000 रुपये की डिमांड

एसकेएमसीएच कोविड वार्ड में व्यवस्था ठीक करने में मंत्री से लेकर अस्पताल व जिला प्रशासन की टीम लगी हुई है. लेकिन व्यवस्था ठीक होने के बजाय बिगड़ती ही जा रही है. अस्पताल में बिना रुपए खर्च किये कोई सुविधा नहीं मिलती. चाहे मरीज को कोविड वार्ड ले जाने या फिर डेड बाॅडी को निकालने में. परिजन को जेब डीली करनी पड़ती है.

कोविड मरीज की मौत के बाद पैकिंग के लिए एक हजार रुपए देने पड़ते हैं. मंगलवार की दोपहर एक मरीज की मौत कोविड वार्ड में हो गयी. सफाई कर्मी शव पैकिंग के लिए एक हजार रुपए मांग रहा था. लेकिन परिजन के पास रुपये नहीं थे.

परिजन कागजी कार्रवाई के बाद शव को खुद ट्राॅली पर रखे ले जाने लगे. गेट पर तैनात गार्ड ने रोका तो अस्पताल मैनेजर को जानकारी हुई. इसके बाद शव की पैकिंग कर परिजन को दिया गया.

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version