कोरोना की तीसरी लहर में नहीं होगी ऑक्सीजन की किल्लत, बिहार में उत्पादन क्षमता पहुंची 450 टन
राज्य में फिलहाल 125 पीएसए प्लांट लगाने का लक्ष्य है. इसमें 120 स्थानों पर पीएसए काम करने लगा है.
पटना . स्वास्थ्य विभाग में विशेष कार्य पदाधिकारी के रूप में सेवा दे रहे कुमार रवि ने बताया कि राज्य में कोरोना की दूसरी लहर की चुनौती को देखते हुए तीसरी लहर की तैयारी की जा चुकी है. उन्होंने बताया कि पहली लहर के पीक में 32716 एक्टिव केस था, जो दूसरी लहर में बढ़कर 1.15 लाख तक पहुंच गया था. उस दौरान मरीजों के लिए 377 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता थी. ऐसे में राज्य में फिलहाल 125 पीएसए प्लांट लगाने का लक्ष्य है. इसमें 120 स्थानों पर पीएसए काम करने लगा है.
इसकी उत्पादन क्षमता 150 टन की है. यह सभी जिलों में स्थापित किये गये है. इसके अलावा आइजीआइएमएस सहित राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में क्रायोजेनिक टैंक की स्थापना की गयी है. इनकी क्षमता 308 टन की है. फिलहाल राज्य में करीब 450 टन ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता प्राप्त हो चुकी है. राज्य में पीएमसीएच व पूर्णिया में ऑक्सीजन टैंक की स्थापना की जा रही है, जिसकी क्षमता 45 टन है. राज्य में दूसरी लहर में 6183 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर थे, जिसकी संख्या बढ़कर 16183 हो गयी है.
ओमिक्रोन : तैयारी की रिपोर्ट लेकर लौटी टीम
पटना. ओमिक्रोन से बचाव को लेकर बिहार के दौरे पर आयी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम तीन दिनों के दौरे के बाद वापस लौट गयी है. चार सदस्यीय टीम को बिहार में पांच बिंदुओं पर आकलन करने को कहा गया था. बिहार में टीम के सदस्यों ने स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के अलावा सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, पाटलिपुत्रा स्पोर्ट्स कंप्लेक्स और होटल पाटलिपुत्र अशोक में वैक्सीनेशन सेंटर का निरीक्षण किया.
राज्य के दौरे पर आयी टीम ने कोविड संक्रमण की दिशा में कंट्रेक्ट ट्रेसिंग के साथ सर्विलेंस और कंटेमिनमेंट ऑपरेशन की स्थिति का आकलन किया. साथ ही टेस्टिंग के साथ सैंपलों की जांच और क्लस्टर पर जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए पर्याप्त संख्या में सैंपल की स्थिति का आकलन किया. टीम को कोविड अनुकूल व्यवहार और उसके पालन को लेकर राज्य की स्थिति को देखना था. इसमें सोशल डिस्टैंसिंग और मास्क के उपयोग व गतिविधियों पर रिपोर्ट तैयार करनी है.