सहकारी बैंकों के एजेंट के रूप में काम करने लगेंगे बिहार के पैक्स, कंप्यूटरीकण के लिए मांगी सूची

बिहार के 8463 पैक्स जल्दी ही सहकारी बैंकों के एजेंट के रूप में काम करने लगेंगे. राज्य सरकार ने प्राथमिक कृषि साख समिति (पैक्स) के कंप्यूटरीकरण योजना को आगे बढ़ाने के लिए तीन दिनों के अंदर चयनित पैक्स की सूची मांगी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2022 8:22 PM

पटना. बिहार के 8463 पैक्स जल्दी ही सहकारी बैंकों के एजेंट के रूप में काम करने लगेंगे. राज्य सरकार ने प्राथमिक कृषि साख समिति (पैक्स) के कंप्यूटरीकरण योजना को आगे बढ़ाने के लिए तीन दिनों के अंदर चयनित पैक्स की सूची मांगी है. बिहार के निबंधक सहयोग समितियां ने बिहार राज्य सहकारी बैंक और सभी जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशकों को इस संबंध में पत्र लिखा है. 30 जून को केंद्र सरकार ने राज्य को दिशा- निर्देश जारी किये थे.

कंप्यूटरीकरण को लेकर अधिसूचना जारी

सहकारिता विभाग ने 30 नंवबर को इसकी कंप्यूटरीकरण को लेकर अधिसूचना जारी की थी. निबंधक सहयोग समितियां का कहना है कि जिला में योजना के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण के लिए जिला स्तरीय कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण समिति गठित है. योजना के कार्यान्वयन के लिए नाबार्ड द्वारा उपलब्ध कराये गए प्रपत्र में अनुश्रवण समिति के अनुमोदन के बाद पात्र पैक्स की सूची उपलब्ध करायी जानी है.

कम -से -कम 25 प्रतिशत पात्र पैक्स का चयन

वर्तमान वित्तीय वर्ष-2022-23 के लिए प्रत्येक जिला से पैक्स की कुल संख्या का कम -से -कम 25 प्रतिशत पात्र पैक्स का चयन किया जाना है. बिहार राज्य सहकारी बैंक को उन्हीं पैक्स की सूची उपलब्ध करायी जायेगी, जिनका आडिट हो चुका है. खाता आदि का मिलान कर लिया गया है. बिहार राज्य सहकारी बैंकों को तीन दिनों के अंदर सूची उपलब्ध कराने के निर्देश हैं.

कुल खर्च में केंद्र-राज्य की भागेदारी का अनुपात 60:40 फीसदी

गौरतलब है कि पैक्स के बहीखातों में गड़बड़ी रोकने, रिकाॅर्ड डिजिटाल्ड करने के साथ ही पैक्सों से जुड़ी सभी सेवाओं को ऑनलाइन करने के लिए राज्य भर में पैक्स को कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है. कुल खर्च में केंद्र-राज्य की भागेदारी का अनुपात 60:40 फीसदी है. तीन साल में इस योजना को पूरा किया जाना है. इससे आय व्यय ऋण सब ऑनलाइन हो जायेगा.

Next Article

Exit mobile version