टिकारी. धान का कटोरा कहे जाने वाले टिकारी क्षेत्र में इस बार कृषि विभाग ने 11 हजार हैक्टेयर में धान की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. धान के बीज मिलने के बाद कई किसान फसल लगाने के लिए बिचड़ा डालने में जुट गये हैं. वहीं, 627 हेक्टेयर में मक्का, 106 हेक्टेयर में मड़ुआ, 445 हेक्टेयर में दलहन व 113 हेक्टेयर में तेलहन की भी फसल लगायी जायेगी. प्रखंड में सरकारी योजनाओं से चयनित किसानों के बीच उच्च गुणवत्ता वाली प्रभेद के बीज का वितरण किया गया है.
प्रखंड आत्मा अध्यक्ष वृजेंद्र शर्मा व प्रखंड कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार सरकार की विभिन्न योजनाओं में से दो योजनाओं पर विशेष फोकस है. इसके तहत मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना एवं एकीकृत बीज ग्राम योजना के धान के बीज वितरित किये जायेंगे. वहीं, धान की उन्नत खेती के लिए श्री विधि, तनावरोधी धान का प्रत्यक्षण कार्यक्रम, अधिक उपजाऊ प्रभेद बीज वितरण, जीरो टिलेज योजना से भी अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं. इसका लाभ प्रखंड के किसानों को मिलेगा.
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खरीफ फसल योजना में धान व मक्का की खेती के साथ साथ दलहनी फसल की खेती को लेकर भी किसानों को प्रोत्साहित किया जायेगा. विभिन्न योजनाओं के तहत अनुदान पर बीच भी वितरित किये जायेंगे. इसके लिए पंचायतवार लक्ष्य का आवंटन किया गया है. इधर, किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है. मौसम की बेरुखी से खरीफ की खेती पिछड़ रही है. आग उगलती गर्मी के कारण किसान बिचड़ा तैयार करने के लिए खेतों में बीज डालने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. धान की खेती के लिए सबसे अनुकूल रोहिणी नक्षत्र खत्म हो चुका है. अबतक लक्ष्य का मात्र सात फीसदी खेतों में ही बीज डाले गये हैं.
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