मृगेंद्र मणि सिंह, अररिया: सरकार की ओर से किसानों के लिए जारी कल्याणकारी योजना ससमय व ईमानदारी पूर्वक शुरू नहीं किये जाने के कारण अन्नदाता की मेहनत बेकार जा रही है. खेतों में किसान दिन-रात एक कर कड़ी मेहनत से फसल उगाते हैं, लेकिन फसल का बाजार में सही दाम नहीं मिलने के कारण उनका कल्याण नहीं हो पा रहा है.
सरकार किसानों के धान की कीमत 2040 रुपये प्रति क्विंटल तय कर चुकी है. लेकिन, इतने नियम लगाये गये हैं कि इसका फायदा सिर्फ और सिर्फ क्रय केंद्र या विभागीय कर्मियों को हो रहा है. तुर्रा यह है कि 2040 रुपये की जगह किसानों को 1730 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान किया जा रहा है. अब सवाल यह उठता है कि आखिर अन्नदाताओं को 310 रुपये कम क्यों भुगतान किया जा रहा है.
सरकारी योजना समय पर शुरू नहीं होने के कारण किसान को अपनी फसल बिचौलियों के हाथों कम दाम पर बेचना पड़ता है. इस बार जिले के किसानों का धान लेने में पैक्स अध्यक्ष ने देरी कर दी. इसकी वजह से किसान अपनी धान बिचौलियों के हाथों बेचने को मजबूर हैं. कुर्साकांटा प्रखंड के डाढ़ापीपर निवासी किसान भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि व्यापार मंडल या पैक्स उन्हीं किसानों से धान ले रहे हैं, जो उनके चेहते हैं. अन्यथा व्यापारियों से धान खरीद कर कोराम पूरा करने में लगे हुए हैं. यही नहीं व्यपारियों से व्यापार मंडल व पैक्सों द्वारा 1625 से लेकर वर्तमान समय में 1675 रुपये तक धान की खरीद की जा रही है. जबकि जो किसान जिस पंचायत में रजिस्ट्रड हैं, वे उस पंचायत में ही धान बेचेंगे.
अगर व्यापार मंडल में रजिस्ट्रड हैं, तो वे किसान वहीं धान बेचेंगे. लेकिन, इससे पहले किसान को अपने घर से क्रय केंद्र तक, क्रय केंद्र से मिलर तक धान की ढुलाई का किराया, प्रति क्विंटल 08 किलोग्राम धान कटौती या समतूल्य 20.40 रुपये प्रति किलो की दर से 163 रुपये की कटौती करानी पड़ती है. वहीं 20 रुपये पैक्स द्वारा किसानों के खाते में भेजी जाने वाली रुपये के एवज में व 80 रुपये मिलिंग चार्ज के रूप में देना पड़ता है. ऐसे में अगर जोड़ा जाये, तो 310 रुपये के आस-पास की कटौती की जाती है. ऐसे में धान का समर्थन मूल्य 2040 के बदले 1730 रुपये ही किसानों के खाते में आता है.
रामपुर कोदरकट्टी गांव के किसान अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि गांव के व्यापारी के पास उन्होंने अपना 16 सौ रुपये प्रति क्विंटल धान बेचा है. पैक्स में धान बेचने पर उन्हें तीन-चार महीनों के बाद ही रुपये मिल पाता. पैक्स द्वारा समय पर पैसा नहीं दिये जाने के कारण उनका फसल खराब हो जाता है. हालांकि, किसान बिचौलियों के हाथों अपना-अपना धान 1500 रुपये तक बेच पाये हैं. पैक्स में भी सरकारी तय दर से कम राशि में धान की खरीदगी की गयी है.
कुर्साकांटा प्रखंड बाजार के किसान रामनाथ गुप्ता ने बताया कि खरीद को लेकर पंजीकरण किया गया है. व्यापार मंडल द्वारा धान का उठाव नहीं किया गया है. खेतों में किसान दिन-रात एक कर कड़ी मेहनत से फसल उगाते हैं. लेकिन, फसल का बाजार में सही दाम नहीं मिलने के कारण किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. धान खरीद की व्यवस्था ठीक से नहीं की गयी है.
कुर्साकांटा प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत कमलदाहा वार्ड संख्या 01 निवासी मो मोईदुर्रहमान ने बताया कि व्यापार मंडल व पैक्स द्वारा धान नहीं खरीदा गया. इसके बाद किसानों को धान को मजबूरन व्यवसायी के पास बेचना पड़ा. पैक्स व व्यापार मंडल द्वारा किसान से संपर्क नहीं किया जाता है. इससे किसान व्यापार मंडल व पैक्स में धान बेचने से वंचित रह जाते हैं.
जिले में धान की खरीद की प्रक्रिया भले ही व्यापार मंडल व पैक्सों द्वारा संचालित हैं. लेकिन, वे किसी किसान का धान खरीद कर किसानों पर एहसान नहीं करते हैं. आपको बता दें कि धान खरीद के एकरारनामा के बाद सरकार द्वारा पैक्सों को 433 क्विंटल की दर से दो लॉट का 866 क्विंटल का सीसी 17 लाख 88 हजार 290 रुपये स्वीकृत किया जाता है. व्यापार मंडल को तीन लॉट की दर से 1299 क्विंटल का सीसी 26 लाख 82 हजार 435 रुपये स्वीकृत किये जाते हैं. इसमें किसानों द्वारा दिये गये बोरा के एवज में 25 रुपये प्रति बोरा देने के बाद 2065 रुपये का भुगतान करना है. किसानों को न तो ढुलाई, कुटाई, लेबर चार्ज, रुपये मंगाने आदि मद का कमिशन 310 रुपये प्रति क्विंटल नहीं देना है.
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एक लॉट अरवा चावल-290 क्विंटल-09 लाख 35 हजार 635 रुपये.
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उसना चावल 290 क्विंटल-09 लाख 18 हजार 271 रुपये.
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लक्ष्य-82 हजार 345 एमटी (अरवा चावल)
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लक्ष्य-28 हजार 080 एमटी (उसना चावल)
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बोरा-एसएफसी द्वारा मुफ्त में दी जाती है
कुर्साकांटा प्रखंड क्षेत्र में व्यापार मंडल व सभी पंचायतों के पैक्सों द्वारा धान खरीद की सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर रहा है. सबसे पहले तो धान खरीद पूर्व निर्धारित तिथि के एक माह विलंब से शुरू हुआ. तब तक प्रखंड क्षेत्र के छोटे व सीमांत किसान अपनी जरूरतों को पूरा करने को लेकर औने-पौने कीमत पर धान बेचने को मजबूर हो रहे हैं. व्यापार मंडल व पैक्स ने किसानों से संपर्क करना मुनासिब नहीं समझा. हां व्यापारियों से संपर्क कर धान खरीद के लक्ष्य को पूर्ण करने का प्रयास किया जा रहा है. इससे सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य का लाभ छोटे व सीमांत किसनों को नहीं मिल पा रहा है.
ऐसी कोई भी जानकारी मुझे नहीं है. यदि किसानों द्वारा शिकायत मिलती है, तो संबंधित व्यापार मंडल व पैक्स के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी- अमरजीत सिंह, बीसीओ, कुर्साकांटा
धान की दर में कटौती कर राशि देने का कहीं भी कोई सरकारी निर्देश नहीं है. अभी मैं कुर्साकांटा में धान खरीद पर रोक लगाता हूं, अगर कोई भी किसान लिखित शिकायत देगा, तो संबंधित पैक्स व व्यापार मंडल के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी- मिथिलेश कुमार, जिला सहकारिता पदाधिकारी, अररिया