Padma Awards: बिहार से बिंदेश्वर पाठक व सीपी ठाकुर समेत सात लोगों को पद्म सम्मान, सुरेंद्र किशोर को पद्मश्री
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार को पद्म पुरस्कारों का एलान किया गया है. इसमें लोक चित्रकला सेगमेंट में मिथिला पेटिंग्स के लिये मधुबनी जिला के लहेरियागंज के रहने वाले पति-पत्नी शिवम पासवान और शांति देवी पासवान को पद्मश्री दिया गया है.
पटना. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार को पद्म पुरस्कारों का एलान किया गया है. राष्ट्रपति ने 106 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी थी, इनमें 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्म श्री शामिल हैं. इसमें सुलभ आंदोलन के जनक डॉ बिदेश्वर पाठक को पद्म विभूषण और चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए डॉ सीपी ठाकुर को पद्म भूषण पुरस्कार दिया गया है. पत्रकारिता में अहम योगदान के लिए सुरेंद्र किशोर को पद्मश्री सम्मान मिला है. इसके अलाा दरभंगा घराने के ध्रुपद गायक रामकुमार मल्लिक को, मिथिला लोक चित्रकला के लिए मधुबनी जिले के लहेरियागंज के रहने वाले पति-पत्नी शिवम पासवान और शांति देवी पासवान को पद्मश्री दिया गया है.
20 हजार से अधिक लोगों को पेटिंग्स की दे चुके हैं ट्रेनिंग
दुसाध समाज से आने वाले दोनों मिथिला पेटिंग्स के गोदाना शैली के लिए जाने जाते हैं. पति-पत्नी की पेटिंग्स की प्रदर्शनी अमेरिका,जापान और हांगकांग में लग चुकी है. उनके समाज के श्रधेय राज सलहेस की पेटिंग की काफी फेमस रही है. दोनों ने अभी तक करीब 20 हजार से अधिक लोगों को पेटिंग्स की ट्रेनिंग भी दे चुके हैं. शांति देवी की पेटिंग्स को जी-20 की बैठक में भी शोकेस किया गया था. इससे पहले 23 जनवरी को सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कूर्परी ठाकुर को भारत रत्न से नवाजने का एलान किया था.
भागलपुर के अशोक कुमार विश्वास को मिला पद्मश्री
बिहार से दूसरा नाम अशोक कुमार विश्वास का है. उन्हें भी पद्म श्री देने की घोषणा की गयी है. उन्होंने 8000 युवक-युवतियां को टिकुली पेंटिंग की बारीकियां सिखाई है. भागलपुर के मूल निवासी और फिलहाल पटना में रहने वाले 67 वर्षीय अशोक कुमार विश्वास टिकुली कला के क्षेत्र में आठ हजार से अधिक लोगों को प्रशिक्षण दे चकु हैं. उन्हें टिकुली का भीष्म पितामह भी कहा जाता है.
सीएम नीतीश कुमार ने दी बधाई
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधुबनी की शांति देवी पासवान एवं उनके पति शिवम पासवान को तथा भागलपुर के अशोक कुमार विश्वास को कला के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान मिलने की घोषणा पर अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं दी है.
इन्हें मिला पद्मश्री
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1. पारबती बरुआ (सामाज सेवा, असम, उम्र- 67 साल)- भारत की पहली महिला हाथी महावत, जिन्होंने रूढ़िवादिता से उबरने के लिए 14 साल की उम्र में जंगली हाथियों को वश में करना शुरू किया था. उन्हें सामाजिक कार्य (पशु कल्याण) के क्षेत्र में पद्म श्री के लिए चुना गया है.
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2. जागेश्वर यादव (सामाजिक कार्य, छत्तीसगढ़, उम्र- 67 साल)- जशपुर के आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता जागेश्वर यादव को सामाजिक कार्य (आदिवासी पीवीटीजी) के क्षेत्र में पद्म श्री दिया जाएगा. उन्होंने हाशिये पर पड़े बिरहोर पहाड़ी कोरवा लोगों के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.
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3. चामी मुर्मू (सामाजिक कार्य, झारखंड, उम्र- 52 साल)- सरायकेला खरसावां की आदिवासी पर्यावरणविद् और महिला सशक्तिकरण चैंपियन चामी मुर्मू को सामाजिक कार्य (पर्यावरण वनीकरण) के क्षेत्र में पद्म श्री दिया जाएगा.
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4. गुरविंदर सिंह (सामाजिक कार्य, हरियाणा, उम्र- 53 साल)- बेघर, निराश्रितों, महिलाओं, अनाथों और दिव्यांगजनों की भलाई के लिए काम करने वाले सिरसा के दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता गुरविंदर सिंह को सामाजिक कार्य (दिव्यांगजन) के क्षेत्र में पद्मश्री प्राप्त होगा.
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5. सत्यनारायण बेलेरी (अन्य, केरल, उम्र-50 साल)- कासरगोड के चावल किसान सत्यनारायण बेलेरी को अन्य (कृषि अनाज चावल) के क्षेत्र में पद्म श्री के लिए चुना गया. उन्होंने 650 से अधिक पारंपरिक चावल किस्मों को संरक्षित करके धान की फसलों के संरक्षक के रूप में सामने आए.
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6. दुखू माझी (सामाजिक कार्य, पश्चिम बंगाल, उम्र- 78 साल)- पुरुलिया के सिंदरी गांव के आदिवासी पर्यावरणविद् दुखू माझी को सामाजिक कार्य (पर्यावरण वनीकरण) के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जाएगा. उन्होंने हर दिन अपनी साइकिल पर नए गंतव्यों की यात्रा करते हुए बंजर भूमि पर 5,000 से अधिक बरगद, आम और ब्लैकबेरी के पेड़ लगाए.
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7. के चेल्लम्मल (अन्य, अंडमान व निकोबार, उम्र- 69 साल)- दक्षिण अंडमान के जैविक किसान के. चेल्लम्मल (नारियल अम्मा) को अन्य (कृषि जैविक) के क्षेत्र में पद्मश्री मिला. उन्होंने 10 एकड़ का जैविक फार्म सफलतापूर्वक विकसित किया.
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8. संगथंकिमा (सामाजिक कार्य, मिजोरम, उम्र- 63 साल)- मिजोरम के सबसे बड़े अनाथालय ‘थुतक नुनपुइटु टीम’ चलाने वाले आइजोल के एक सामाजिक कार्यकर्ता संगथंकिमा को सामाजिक कार्य (बाल) के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जाएगा.
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9. हेमचंद मांझी (चिकित्सा, छत्तीसगढ़, उम्र- 70 साल)- नारायणपुर के पारंपरिक औषधीय चिकित्सक हेमचंद मांझी को चिकित्सा (आयुष पारंपरिक चिकित्सा) के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जाएगा. उन्होंने पांच दशकों से अधिक समय से ग्रामीणों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहे हैं. उन्होंने 15 साल की उम्र से जरूरतमंदों की सेवा शुरू कर दी थी.
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10. यानुंग जमोह लेगो (अन्य, अरुणाचल प्रदेश, उम्र- 58 साल)- यानुंग जमोह लेगो पूर्वी सियांग स्थित हर्बल चिकित्सा विशेषज्ञ हैं. उन्होंने 10,000 से अधिक रोगियों को चिकित्सा देखभाल की है. एक लाख व्यक्तियों को औषधीय जड़ी-बूटियों के बारे में शिक्षित किया है. एसएचजी को प्रशिक्षित किया है. उन्हें अन्य (कृषि औषधीय पौधों) के क्षेत्र में पद्मश्री के लिए चुना गया है.