Bihar News: ट्रेनी आइएएस को खेती का पाठ पढ़ायेंगी पद्मश्री किसान चाची, किसान संवाद में किया गया आमंत्रित
Bihar News: मसूरी में 2021 बैच के ट्रेनी आइएएस को किसान चाची पद्मश्री राजकुमारी देवी खेती का पाठ पढ़ायेंगी. डिप्टी डाइरेक्टर एंड कोर्स कोऑर्डिनेटर शैलेश नवल की ओर से उन्हें 11 अप्रैल को आयोजित किसान संवाद में आमंत्रित किया गया है.
मुजफ्फरपुर. लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (एलबीएसएनएए) मसूरी में 2021 बैच के ट्रेनी आइएएस को किसान चाची पद्मश्री राजकुमारी देवी खेती का पाठ पढ़ायेंगी. डिप्टी डाइरेक्टर एंड कोर्स कोऑर्डिनेटर शैलेश नवल की ओर से उन्हें 11 अप्रैल को आयोजित किसान संवाद में आमंत्रित किया गया है. भारत के प्रगतिशील किसानों के लिए कृषि मॉडल पर एलबीएसएनएए में किसान संवाद का आयोजन किया गया है. एकेडमी में 21 मार्च से लेकर 19 अगस्त तक आइएएस फेज एक कोर्स में 183 प्रतिभागी शामिल होंगे.
किसान चाची पूरे देश में है फेमस
किसान चाची को आमंत्रण मिलना मुजफ्फरपुर सहित बिहार के लिए यह बड़ी उपलब्धि है. किसान चाची राजकुमारी देवी को 2019 में पद्मश्री मिला था. इसके अलावा बिहार सरकार सहित कई संस्थाओं की ओर से भी उन्हें सम्मान मिल चुका है. निजी जीवन में बड़ी से बड़ी कठिनाइयों को झेलकर किसान चाची ने समाज के सामने नजीर पेश की है. किसान चाची मूल रूप से मुजफ्फपुर के सरैया प्रखंड के आनंदपुर की रहने वाली हैं. उन्होंने महिलाओं के बीच स्वावलंबन की ऐसी अलख जगाई है कि आज पूरे देश में उनके चर्चे हैं.
आज अचार के नाम से प्रसिद्ध हैं किसान चाची
1990 से किसान चाची ने परंपरागत तरीके से खेती करने के बाद वैज्ञानिक तरीके से अपनी खेती-बाड़ी को उन्नत किया. इसके बाद वह कई तरह के अचार बनाने लगीं. वर्ष 2000 से उन्होंने घर से ही अचार बनाना शुरू किया, जो आज किसान चाची का अचार के नाम से प्रसिद्ध हैं. शुरुआती दौर में किसान चाची ने आसपास की महिलाओं के साथ जुड़कर कई तरह के अचार जैसे मिर्च, बेल, नींबू, आम और आंवला के आचार को बाजार में बेचना शुरू किया.