15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बाढ़ पीड़ितों का दर्द : एकाएक घर में घुसा पानी तो भागे, पांच साल का बेटा मचान पर रह गया

कांटी के धमौली रामनाथ पूर्वी स्थित विशाल वटवृक्ष 200 से अधिक वर्षों से बाढ़पीड़ितों के जीवन संघर्ष का गवाह रहा है. एक बार फिर इसकी छाया में सैकड़ों परिवारों ने आशियाना बनाना शुरू किया है.

संजय झा,मुजफ्फरपुर. कांटी के धमौली रामनाथ पूर्वी स्थित विशाल वटवृक्ष 200 से अधिक वर्षों से बाढ़पीड़ितों के जीवन संघर्ष का गवाह रहा है. एक बार फिर इसकी छाया में सैकड़ों परिवारों ने आशियाना बनाना शुरू किया है. 60 साल के विशाल सहनी गीली मिट्टी पर प्लास्टिक के बाेरे पर लेटे कराह रहे हैं. शरीर बुखार से तप रहा है.

घर के नाम पर प्लास्टिक का तंबू है. वह कहते हैं- कई दिनों से तबीयत खराब है. उठा बैठा नहीं जा रहा. एकाएक घर में कल पानी घुस आया. टेंपू पर लाद कर पड़ोसियों ने यहां पहुंचा दिया. सुबह तेज बारिश हुई. ऊंची जगह नहीं होने के कारण तंबू के नीचे जमीन गीली हो गयी. मजदूरी कर घर का एक-एक सामान जुटाया था. सब पानी में बह गया. घर में कोई और नहीं. गरीबों की सालों की जमा खुशियां बाढ़ ऐसे ही बहा ले जाता है.

वटवृक्ष के चारों तरफ लीची के बगान हैं. एक छोटा स्कूल है. चार कमरे हैं. सभी बंद. स्कूल का ही चापाकल है, जो बाढ़ पीड़ितों की प्यास बुझा रहा. तंबू बनाने में जुटी छोटी सी बच्ची परी की मां रेणु देवी कहती है- एकाएक घर में पानी घुस गेलई. सामान के के पूछई छइ. पांच साल के मनीषवा के घर में मचान पर छोड़ के अलइह ह. अलइयइ जब त कमर भर पानी रहइ. अब बढ गेलई ह. नाव के इंतजार में छिअइ. बेटी बांस काट के ललकई ह. तूंब बन जतई त लबई. रेणु को चिंता है कि उसका बेटा मनीष कहीं घर से निकल पानी में खेलने न चला जाये. उसे तैरना भी नहीं आता.

बीच मंझदार में जाकर नाविक मांगते हैं 500 रुपये

चंद्रभान चौक से गोसाईपुर जानेवाले रास्ते पर बांध तक पानी आ चुका है. सरकारी निर्देश पर एक शिक्षक विनोद सहनी आते हैं. कहते हैं- सीओ साहब का फोन आया था. पांच नाविकों को नाव के साथ लेकर आया हूं. वे तैयार नहीं थे. पिछली बार का उनको पैसा नहीं मिला.

इस बार भी मिलेगा या नहीं, क्या गारंटी है. उनको अपनी गारंटी पर लेके आया हं. मोहन सहनी कहते हैं- निजी नाव वाले मनमानी करते हैं. बीच मझधार में ले जाकर दो सौ रुपये मांगते हैं. हार कर टेंपू पर लाद कर गर्दन भर पानी होते हुए आया हूं. सरकारी नाव आने के बाद लोग राहत की सांस ली.

Posted by Ashish Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें