डिटेंशन सेंटर के बदले तीन वर्षों से जेल में बंद है पाक नागरिक, पटना हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य से मांगा जबाव
पिछले तीन साल से जहानाबाद के जेल में बंद एक पाकिस्तानी नागरिक की रिहाई को लेकर उम्मीद जगी है. पटना हाइकोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है. भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के इंतज़ार में यह पाकिस्तानी नागरिक पिछले तीन साल से जेल में बंद है.
पटना. पिछले तीन साल से जहानाबाद के जेल में बंद एक पाकिस्तानी नागरिक की रिहाई को लेकर उम्मीद जगी है. पटना हाइकोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है. भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के इंतज़ार में यह पाकिस्तानी नागरिक पिछले तीन साल से जेल में बंद है. मंगलवार को इस मामले का संज्ञान लेते हुए पटना हाइकोर्ट ने गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को तलब किया है. जस्टिस एएम बदर और जस्टिस संदीप कुमार के खंडपीठ ने अफसाना नगर की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया है.
पिता की देखरेख करने को लौटा था भारत
मामले के संबंध में बताया जाता है कि याचिकाकर्ता के पति सैयद नक्वी आलम उर्फ नकवी इमाम का जन्म बिहार के अरवल में ही सन 1973 में हुआ था. 1984 में 11 साल की उम्र में वह अपनी नानी के साथ पाकिस्तान चला गया. वहीं पढ़ाई लिखाई करते हुए पाकिस्तानी नागरिकता हासिल कर ली. अपने पिता की तबीयत खराब हो जाने की खबर पा कर आलम उन्हें देखने के लिए एक साल का वीजा लेकर पाकिस्तान से भारत आया. वीजा की मियाद फरवरी 2012 में खत्म होने के बाद भी आलम अपने पिता की देखरेख करने के लिए भारत में ठहर गया. ओवर स्टे प्रभावी कानून को तोड़ने के जुर्म में बिहार पुलिस में आलम पर क्रिमिनल मुकदमा दर्ज किया है.
कोर्ट ने सरकार से पूछा- डिटेंशन सेंटर जेल के अंदर क्यों
इस मुकदमें में आलम को 3 साल कैद की सजा हुई और सजा के खिलाफ अपील दायर कर वो जमानत पर रिहा भी हुआ. आलम ने 2016 में याचिकाकर्ता के साथ मुस्लिम रीति रिवाज से शादी भी की. याचिकाकर्ता के वकील नारायण ने कोर्ट को बताया कि आलम अपने पिता की देख रेख के लिए भारत में अब रहना चाहता है. वो भारत की नागरिकता के लिए वीजा की मियाद खत्म होने से पहले ही सक्षम पदाधिकारी के सामने आवेदन दे चुका था. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी उच्चायोग ने आलम को पाकिस्तानी नागरिक मानने से इनकार कर दिया है. ऐसी स्थिति में केंद्र और राज्य सरकार आलम को डिटेंशन सेंटर में, जो जहानाबाद जेल में स्थित है, फरवरी 2020 से बंद कर रखा है. कोर्ट ने बिहार सरकार से यह पूछा है कि डिटेंशन सेंटर जेल के अंदर क्यों है. इस मामले की अगली सुनवाई 3 हफ्ते बाद होगी.