पटना. बिहार विधान परिषद में डॉ समीर कुमार सिंह के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब देते हुए पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य के सभी पंचायतों में पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा. इसी प्रश्न में पूरक पूछते हुए दिलीप जायसवाल ने कहा कि सरकार कब तक पंचायत सरकार भवन बना लेगी. कहीं ऐसा न हो कि जब तक पंचायत सरकार भवन का निर्माण हो, तब तक पंचायती राज व्यवस्था ही समाप्त हो जाये. इसका जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में 2300 पंचायतों में पंचायत सरकार भवन हो जायेंगे. बाकी पंचायतों में अगले वित्तीय वर्ष में इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा. सरकार की योजना में पंचायत मुख्यालय में ही पंचायत सरकार भवन का निर्माण होना है. सरकारी जमीन नहीं होने पर फिर पंचायत के दूसरे गांवों में पंचायत सरकार भवन का निर्माण किया जाना है. इसी नियम के तहत पूरे राज्य में पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य चल रहा है.
समीर सिंह के पूरक प्रश्न पर पंचायती राज मंत्री ने कहा कि अगर दानदाता जमीन देने के लिए तैयार हैं , तो सरकार को उस गांव में पंचायत सरकार भवन बनाने में कोई परेशानी नहीं है. राजीव कुमार उर्फ गप्पू बाबू के तारांकित प्रश्न के जवाब में मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में बिहार सरकार को केंद्र से 903.43 करोड़ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए मिला है. स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से इसका निर्माण हो रहा है.
नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि 70 फीसदी राशि स्वास्थ्य विभाग को दे दी गयी है. विभाग को देखना चाहिए कि स्वास्थ्य विभाग ने अब तक कितनी राशि खर्च की है और कितने केंद्र का निर्माण अब तक हो चुका है. दिलीप जायसवाल के ध्यानाकर्षण के जवाब में मंत्री ने कहा कि 2016-21 अवधि वाले पंचायती राज प्रतिनिधियों को मानदेय व भत्ता का भुगतान के लिए जिलों को राशि दी जा चुकी है. इस पर महेश्वर सिंह, अजय सिंह, रीना यादव, सौरभ कुमार ने पूरक प्रश्न में कहा कि जिलों को भले ही राशि चली गयी हो ,लेकिन प्रतिनिधियों को वह भत्ता नहीं मिल सका है. अब तक सभी वार्ड क्रियान्वयन प्रबंधन समिति का खाता भी नहीं खुला है. ऐसे में सरकार पैसा किस खाते में भेजेगी और योजनाओं का क्रियान्वयन कैसे होगा. सरकार को चाहिए कि स्थानीय निकाय कोटे से चुने हुए विधान परिषद के 24 सदस्यों के साथ बैठक कर सभी मसलों पर चर्चा करे. इस पर मंत्री ने आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
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भाजपा के दिलीप कुमार जायसवाल ने आसन और सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया कि सदन में सत्ता पक्ष की ओर हां और विपक्ष की ओर ना लिखा होता है. जब हां-ना लिखा होगा, तो सदस्यों में सकारात्मक वातावरण कैसे बनेगा. इसलिए बेहतर होगा कि हां के बदले पक्ष और ना के स्थान पर प्रतिपक्ष लिखा जाये. वहीं, विधान परिषद में मौजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने सदस्य के सुझाव को सही बताया. उन्होंने कहा है कि यह सुझाव ठीक है.