शशिभूषण कुंवर, पटना. पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल शुक्रवार से समाप्त होने लगा है. राज्य में शिवहर पहला ऐसा जिला है जहां कि त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो गया है. ऐसे में शिवहर बिहार का पहला ऐसा जिला बन गया है जहां कि त्रिस्तरीय पंचायतों की परामर्शी समितियां शनिवार से ग्राम पंचायत, ग्राम कचहरी, पंचायत समिति और जिला पर्षद का कार्यभार संभाल लेंगी.
शनिवार से शिवहर जिले के मुखिया, सरपंच, प्रखंड प्रमुख और जिला पर्षद अध्यक्ष और उनके साथ निर्वाचित हुए सदस्य परामर्शी समिति के हेड और सदस्य के रूप में अपना कर्तव्य, अधिकार और दायित्वों का निर्वहन करेंगे. राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत आम चुनाव 2016 में हर जिले के निर्वाचित प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण की तिथि निर्धारित कर दी थी.
आम चुनाव में निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल ठीक उसके पांच साल बाद उस तिथि को समाप्त हो जायेगा. आयोग द्वारा राज्य के सभी जिलों के ग्राम पंचायत, ग्राम कचहरी, पंचायत समिति और जिला पर्षद सदस्यों के शपथ ग्रहण की तिथि निर्धारित कर दी थी.
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18 जून 2021 – अरवल, जहानाबाद, किशनगंज, शेखपुरा और लखीसराय
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21 जून 2021- नवादा, भागलपुर, पूर्णिया, अररिया, बेगूसराय, खगड़िया और जमुई
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24 जून 2021- बक्सर, सहरसा, मधेपुरा और सुपौल
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27 जून 2021- पटना, भोजपुर, नालंदा, रोहतास, कैमूर, गया, औरंगाबाद, सारण, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, वैशाली, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, बांका, दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी, कटिहार,मुंगेर .
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11 जून को शिवहर जिले का कार्यकाल समाप्त.
इसके साथ ही मुखिया, उपमुखिया, सरपंच, उपसरपंच, प्रखंड प्रमुख व उपप्रमुख के साथ जिला पर्षद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के शपथ ग्रहण की तिथि निर्धारित कर दी थी. इस तिथि को ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला पर्षद की प्रथम बैठक होगी. इस तिथि से निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल पांच साल निर्धारित किया गया है.
आयोग ने राज्य के सभी 38 जिलों के लिए सदस्यों के शपथ ग्रहण की तिथि भी निर्धारित कर दी थी. अब वह तिथि शिवहर जिले के साथ समाप्त होने लगी है. कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष निर्धारित आम चुनाव नहीं हुआ.
इसे देखते हुए राज्य सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायतों के कार्यकाल भंग होने के ठीक अगले दिन से परामर्शी समिति को तीनों स्तर पर स्थानीय सरकार चलाने का दायित्व सौंप दिया है. परामर्शी समितियों में ग्राम पंचायत, ग्राम कचहरी, पंचायत समिति और जिला पर्षद के भंग होने की तिथि को कार्यरत सदस्य ही शामिल होंगे.
Posted by Ashish Jha