महानंदा नदी के जलस्तर में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज होने से आम लोगों में दहशत

आबादपुर थाना क्षेत्र में महानंदा नदी के जलस्तर में लगातार चौथे दिन भी रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज होने से यहां आम जनजीवन पूरी तरह से रोजमर्रा के संकटों से घिर गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 30, 2020 2:09 AM

आबादपुर : आबादपुर थाना क्षेत्र में महानंदा नदी के जलस्तर में लगातार चौथे दिन भी रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज होने से यहां आम जनजीवन पूरी तरह से रोजमर्रा के संकटों से घिर गया है. क्षेत्र में पिछले 96 घंटे के दरमियान महानंदा नदी के उफान पर रहने के चलते नदी से सटे पंचायतों शिकारपुर, लगुवा-दासग्राम, हरनारोई, शिवानंदपुर, भवानीपुर, लगुवा, बांसगांव, नलसर एवं चापाखोर के लगभग तीन दर्जन गांवों की स्थिति बिल्कुल ही चिंताजनक हो गयी है.

बीते चार दिनों के दरमियान उक्त पंचायतों में हालात इस कदर नाजुक हो गये हैं कि लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. मंगलवार की प्रातः काल से उक्त पंचायत क्षेत्र स्थित छोटा-शिकारपुर, बड़ा शिकारपुर, बिनटोला, शेखपुरा, उदयपुर, लगुवा, सतुवा, दीपनगर, सोहार, बारिओल, बालुखेदा, जाताहार, मिस्त्रीटोला, मथुरापुर, तारापुर, बसंतपुर, मिर्जादपुर, पालटोला, बलदियागाछी, धर्मडांगी, भवानीपुर, पुरिया, सिंहगांव, डूआ, सिराजमनी, साराखोर, नलसर एवं चापाखोर आदि गांवों के खेत-खलिहानों में एवं सड़कों पर तथा लोगों के घर-आंगनों में जल के प्रवेश से एक बड़ी आबादी का जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है.

आलम ये है कि उक्त पंचायत स्थित निचले स्थानों नदी के पानी के प्रवेश के चलते लोग अपने-अपने घरों को छोड़ ऊंचे स्थानों में शरण लेने बारे में सोच रहे हैं. कई स्थानों में खेतों में बड़ी मात्रा में पानी फैल जाने से धान के फसलों के बर्बाद हो जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है. कई स्थानों में सड़कों पर दो से तीन फीट तक पानी फैल जाने से लोगों को आवागमन को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

विगत दो महीने के अंतराल में दूसरी बार महानंदा नदी के जलस्तर में इजाफा होने से यहां निचले इलाकों में बसे हुए लोग पूरी तरह से डरे-सहमे हुए हैं. चारों ओर से पानी से घिर जाने के चलते यहां लोगों के निकास का एक मात्र साधन अब नाव ही रह गया है. इन इलाकों में प्रशासनिक स्तर से नाव की समुचित व्यवस्था नहीं होने से यहां ग्रामीण केले की थाम का सहारा लेने को विवश हो रहें हैं. उक्त पंचायतों के पूरी तरह से जलमग्न हो जाने के चलते परिस्थितिवश आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के समक्ष भोजन की समस्या देखी जा रही है. उक्त जल त्रासदी से लाचार व हालात के मारे लोग अब प्रशासनिक मदद की राह तकते देखे जा रहे हैं.

posted by ashish jha

Next Article

Exit mobile version