गोलीबारी के बाद भारत-नेपाल सीमा पर दहशत का माहौल
भारत-नेपाल सीमा पर हुई गोलीबारी की घटना के बाद लोगों में दहशत का माहौल है. लॉकडाउन की वजह से नेपाल सीमा तो पहले से सील थी, अब फायरिंग में भारतीय नागरिक की मौत के बाद सख्ती और तनातनी और बढ़ गयी है. भारत-नेपाल सीमा पर पूरी तरह वीरानगी छायी है. सीमा पर कारोबार पूरी तरह ठप होने से यहां रह रहे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
भारत-नेपाल सीमा पर हुई गोलीबारी की घटना के बाद लोगों में दहशत का माहौल है. लॉकडाउन की वजह से नेपाल सीमा तो पहले से सील थी, अब फायरिंग में भारतीय नागरिक की मौत के बाद सख्ती और तनातनी और बढ़ गयी है. भारत-नेपाल सीमा पर पूरी तरह वीरानगी छायी है. सीमा पर कारोबार पूरी तरह ठप होने से यहां रह रहे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
पहली बार लग रहा दो देशों के नागरिक हैं
रक्सौल – सीमा पर बसे भारत व नेपाल के गांवों के लोगों को पहली बार महसूस हो रहा कि वे दो देशों के नागरिक हैं. अब तक तो रिश्ता कुछ ऐसा था कि घर से निकल कर लोग नेपाल के अपने खेतों में जाकर सुबह-सुबह ही घूम आते थे. रक्सौल बाजार गुलजार रहता था और चेकपोस्ट के रास्ते अनवरत आवाजाही होती थी. लॉकडाउन की वजह से सीमा सील है और दोनों तरफ सख्त पहरा है. हालांकि लोग यदा-कदा आवाजाही करते हैं.
सीमा सील होने से किसान परेशान
सीतामढ़ी – बॉडर पर टेंशन से सबसे ज्यादा परेशान किसान हैं. बिहार के गांवों के कई किसान पट्टा पर नेपाल में खेती करते हैं. वे अब खेतों में नहीं जा रहे हैं. कई किसानों का तो खेत में गेहूं नेपाल के खेतों में पड़ा हुआ है. मसहा आलम पुरानी घडाड़ी निवासी शिवराज दास रोजाना सीमा के उस पार ब्रह्मपुरी गांव में खेती-बाड़ी का काम से जाते थे, परंतु नेपाल पुलिस की भारी सख्ती के कारण शनिवार को नहीं गये.
कभी गुलजार था बाजार, अब वीरानगी
जयनगर- जयनगर के इनरवा चेक पोस्ट के समीप भारत नेपाल सीमा पर पूरी तरह वीरानगी है. कभी यह सीमा गुलजार हुआ करता था. लॉकडाउन की वजह से आने-जाने पर रोक है. सीमा के दोनों तरफ इक्का-दुक्का दुकानें ही खुलती हैं. जयनगर के कारोबारी कह रहे कि उनकी हालत खस्ता है. उनका कारोबार नेपाल के गांवों से आने वाले ग्राहकों पर टिका था. बिजली ठप है, तो वे बाहर से माल भी नहीं मंगा रहे हैं.
बराज पर सीसीटीवी, आवाजाही ठप
वाल्मीकिनगर – वाल्मीकि नगर का गंडक बराज भारत व नेपाल को जोड़ता है. नेपाल का पानी भारत के खेतों के लिए जीवनदायिनी है. लेकिन, पिछले 80 दिनों से इस पुल से आवाजाही बंद है. संपूर्ण लॉकडाउन के तहत दोनों देश के सुरक्षा प्रहरी गंडक बराज पर हर समय मौजूद रहते हैं. गंडक बराज पर तैनात एसएसबी के असिस्टेंट कमांडेंट देवेंन्द्र उपाध्याय ने बताया कि गंडक बराज पर लगे सीसीटीवी से निगाह रखी जा रही है.
नमक-तेल भी अब नहीं खरीद सकते
अररिया -अररिया जिले में नेपाल से मिलने वाली दूसरी सीमा है कुआड़ी मेघा सीमा. खास कर इस पार और उस पार के सभी की जिंदगी एक दूसरे पर टिकी है. दोपहर को सीमा पर दिनेश सिंह मिल गये. पूछने पर बताया कि बड़ी परेशानी है साहब. हमारा तो रोजी-रोटी भारत से ही चलता है. लेकिन अब तो नमक-तेल भी खरीद नहीं सकते. सिंह की बात में जहां दुख था वहीं सौराभाग की ही सरिता देवी नाराज दिखीं.
अब भी जोगबनी का बाजार है सहारा
जोगबनी – भारत व नेपाल के बीच अररिया में खुली सीमा का एरिया लगभग 75 किमी है. भारत की तरफ से एसएसबी की गितिविधि तेज है. जोगबनी के इस अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दोनों देशों के प्रशासनिक अनुमित के बाद आ-जा रहे थे. शनिवार को भारत से नेपाल 49 लोग गये और नेपाल से भारत 22 लोग आये. इस बॉडर पर उस पार के लोगों का बाजार जोगबनी ही है. बंद के बाद से बाजार से सामान लेने का माध्यम फोन बन गया है.
सीमा पर वीरानगी, तनाव में हैं लोग
सुपौल – सुपौल जिले में भीमनगर स्थित भारत-नेपाल सीमा पर शिनवार को वीरानगी छायी हुई थी. दोनों देशों के सुरक्षा प्रहरी अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा सतर्क दिखे.सीमा पर विरानगी बता रहा था कि अंदरूनी तनाव है.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya