बिहार: पंकज त्रिपाठी ने नम आंखों से दी पिता को अंतिम विदाई, बारिश के बीच अंतिम संस्कार के लिए उमड़ी भीड़

अभिनेता पंकज त्रिपाठी पिता की अचानक मृत्यु पर मुंबई से अपने पैतृक गांव पहुंचे. जहां उनके पिता को मुखाग्नि बड़े बेटे बिजेंद्र तिवारी ने दी. पंकज त्रिपाठी के पिता की मृत्यु 98 वर्ष की उम्र में बीमारी की वजह से हुई है.

By Anand Shekhar | August 22, 2023 8:35 PM

Bihar News : अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने पैतृक गांव पहुंच कर पिता को दी अंतिम विदाई | Prabhat Khabar

गोपालगंज. अभिनेता और बरौली प्रखंड के बेलसंड गांव के निवासी पंकज त्रिपाठी अपने पिता की निधन की खबर पर मुंबई से स्पेशल विमान द्वारा देर रात पटना पहुंचे. पटना से आधी रात के बाद बेलसंड पहुंच कर अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए. अभिनेता ने बताया कि उनको अपने पिता से बेहद लगाव था और उनकी सफलता का श्रेय उनके माता-पिता का आशीर्वाद ही है. जब भी उनकी कोई फिल्म फ्लोर पर आने को होती थी, वे अपने घर माता-पिता का आशीर्वाद लेने जरूर आते थे और इन दोनों के आशीर्वाद से उनकी फिल्में बेहतर प्रदर्शन करती थी.

पिता की अचानक मृत्यु पर पंकज त्रिपाठी काफी उदास दिखे. उन्होंने कहा कि मृत्यु तो अटल सत्य है, हम सबको इस दुनिया से जाना ही है, लेकिन अपनों के जाने से तकलीफ होती ही है. मेरे पिता मेरे आदर्श थे. आज मैं अपने आपको अधूरा महसूस कर रहा हूं. हालांकि अब उनके दर्शन, तो केवल तस्वीरों में ही हो सकेंगे, लेकिन मेरे पिता मेरे लिए स्वर्ग से भी आशीष देते रहेंगे तथा मेरी माताजी का आशीर्वाद तो मेरे सिर पर भगवान की कृपा से है ही. वे पहले की तरह ही अपने गांव, घर, अपनी गंवई मिट्टी, अपने बचपन के साथियों से मिलने आते रहेंगे और सबसे बड़ी बात ये है कि उनकी जननी के भाग्यशाली चरण अभी धरा पर हैं, उनके दर्शन और आशीर्वाद लेने हर फिल्म के फ्लोर पर आने के साथ आते रहेंगे.

परिवर के साथ घर पहुंचे पंकज त्रिपाठी

बेलसंड के मूल निवासी बॉलीवुड स्टार पंकज त्रिपाठी के पिता पं. बनारस तिवारी की मौत सोमवार की दोपहर में हो गयी थी. बड़े भाई बिजेंद्र तिवारी के द्वारा फोन पर सूचना देने के बाद पंकज त्रिपाठी सपरिवार पटना पहुंचे तथा पिता के अंतिम संस्कार में भाग लिया.

पंचतत्व में विलीन हो गये पंडित बनारस तिवारी

पंडित बनारस तिवारी 98 वर्ष के थे और कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. पिता को मुखाग्नि बड़े बेटे बिजेंद्र तिवारी ने दी. रात करीब ढाई बजे तक अपार जनसमूह पं. बनारस तिवारी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए भारी बारिश के बावजूद जमा रहा.

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