बिहार में सियासी गणित बदला तो सीमांचल की जंग भी हुई दिलचस्प, असदुद्दीन ओवैसी और पप्पू यादव ने भी ठोकी ताल
Bihar Politics: बिहार का सियासी समीकरण बदला है तो सीमांचल में भी राजनीतिक जंग दिलचस्प हो चुकी है. यहां फिर एकबार पप्पू यादव भी सियासी जमीन खोज रहे हैं. ओवैसी भी जंग के लिए तैयार है. जबकि राहुल गांधी ने कांग्रेस में जान फूंकी है.
Bihar Politics: लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले बिहार में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ और एनडीए एकबार फिर से राज्य की सत्ता में आ गयी. विपक्षाें दलों की एकजुटता के बाद बने इंडिया गठबंधन से तब बिहार का समीकरण इस कदर बदला था कि सीमांचल को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे. जदयू, राजद और कांग्रेस एक तरफ थी और पिछले लोकसभा चुनाव से बिल्कुल अलग समीकरण बन चुका था. लेकिन जदयू ने एनडीए का साथ फिर से पकड़ा है तो सीमांचल की राजनीति में भी एक अलग हलचल है. कांग्रेस ने सीमांचल में ही एकमात्र सीट पर बिहार में जीत हासिल की थी. वहीं असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM और पूर्व सांसद पप्पू यादव भी क्षेत्र में सक्रिय हैं.
सीमांचल में ही मिली NDA को एकमात्र सीट पर हार
बिहार में सियासी समीकरण लगातार बदला है. जदयू अब फिर एकबार महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए के साथ है. वहीं सीमांचल में विपक्षी पार्टियां भी खुद को मजबूत करने में जुटी है. पिछले लोकसभा चुनाव में किशनगंज एकमात्र ऐसी सीट थी जहां से विपक्षी गठबंधन ने जीत का स्वाद चखा था. कांग्रेस उम्मीदवार ने सीधी टक्कर में जदयू प्रत्याशी को हराया था. वहीं तीसरे नंबर पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के प्रत्याशी रहे थे.
कांग्रेस भी नयी ऊर्जा के साथ तैयारी में जुटी
जदयू की पहल पर जब इंडिया गठबंधन बना तो ये कयास तेज हो गए थे कि किशनगंज सीट पर अब जदयू लड़ेगी या कांग्रेस. दरअसल, जदयू उम्मीदवार को भी यहां मजबूत वोट मिले थे. जदयू ने सीटिंग के अलावे एक और सीट पर दावा ठोका था जहां वो दूसरे नंबर पर रही थी. इशारा किशनगंज सीट की ओर ही था. वहीं अब जदयू के अलग होने पर कांग्रेस खुलकर अपनी तैयारी कर रही है. हाल में ही राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत किशनगंज समेत सीमांचल के अन्य जिलों में घूमे. जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नयी ऊर्जा का संचार हुआ है.
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पप्पू यादव भी सक्रिय, लड़ सकते हैं चुनाव..
जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव भी सीमांचल में इन दिनों सक्रिय हैं. प्रणाम पूर्णिया अभियान के तहत वो लोगों के बीच जा रहे हैं. पूर्णिया में पप्पू यादव के बयान से चुनाव लड़ने का संकेत मिला है. उन्होंने कहा कि भ्रमण के दौरान साफ देखने को मिल रहा है कि सरकार का आम लोगों के जीवन से कोई सरोकार नहीं है. जनता बदहाली और तंगहाली में जीने को मजबूर है. शासन प्रशासन खानापूर्ति कर इंस्पेक्टर राज बहाल कर रखा है जिसे खत्म करना मेरा संकल्प है और मुझे मौका मिला तो मैं इसे खत्म करके ही दम लूंगा. लोगों से अलग-अलग वादे करके पप्पू यादव अपने लिए मौका मांग रहे हैं. बता दें कि पप्पू यादव तीन मार्च को पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में रैली करने जा रहे हैं. बता दें कि पप्पू यादव निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मधेपुरा और पूर्णिया से लोकसभा चुनाव पहले जीत चुके हैं. जबकि एकबार सपा उम्मीदवार बनकर वो पूर्णिया से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे.
किशनगंज में AIMIM की तैयारी तेज, मिले थे सम्मानजक वोट
लोकसभा चुनाव को लेकर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआइएम भी अपनी तैयारी में जुट गयी है. सीमांचल में AIMIM लगातार कार्यक्रम चला रही है और कार्यकर्ता सम्मेलन कर रही है. बता दें कि सीमांचल से AIMIM को विधानसभा में जीत हासिल हुई है. जबकि लोकसभा चुनाव 2019 में भी किशनगंज सीट पर पार्टी के उम्मीदवार ने सम्मानजक वोट हासिल किए थे. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान को पिछले चुनाव में उम्मीदवार बनाया गया था जिन्होंने 2 लाख 95 हजार 29 वोट हासिल किए थे. जबकि यहां दूसरे नंबर पर रही पार्टी जदयू को 3लाख 32 हजार 551 वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी ने 3 लाख 67 हजार 17 वोट हासिल करके जीत दर्ज की थी.
किशनगंज से AIMIM का लड़ना तय
AIMIM पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह अमौर विधायक अख्तरुल इमान कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर पूरे सूबे में पार्टी की तैयारी जारी है. बिहार के 30 जिलों में संगठन का कार्य पूर्ण कराया गया है. किशनगंज लोकसभा सीट पर चुनाव को लेकर पार्टी पूरी तरह तैयार है. उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटने को कहा. उन्होंने कहा कि एआइएमआइएम सीमांचल के हक की लड़ाई से पीछे हटनेवाला नहीं है.
ओवैसी लेंगे अन्य सीटों का निर्णय
AIMIM पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह युवा प्रदेश अध्यक्ष आदिल हसन ने कहा कि बिहार के कई जिलों में संगठन का कार्य पूर्ण कराया गया है. पार्टी की ओर से सूबे के विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सर्वे किया जा रहा है. पार्टी सुप्रीमो सह सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बिहार आगमन पर बैठक के बाद निर्णय लिया जाएगा कि किशनगंज के अलावा पार्टी कितनी अन्य सीटों पर लोकसभा का चुनाव लड़ेगी. बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने हाल में ही जिन तीन सीटों पर AIMI के चुनाव लड़ने की बात तय कर दी है उनमें एक किशनगंज भी है.
पिछले चुनाव में सीमांचल के जिलों का परिणाम
सीमांचल के चार जिलों की बात करें तो पिछले चुनाव यानी लोकसभा चुनाव 2019 में अररिया से भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह, किशनगंज से कांग्रेस के डॉ. मोहम्मद जावेद, पूर्णिया से जदयू के संतोष कुमार और कटिहार से जदयू के दुलाल चंद्र गोस्वामी ने जीत दर्ज की थी.