BPSC पेपर रद्द करने की मांग कर रहे छात्रों से मिले पप्पू यादव, समर्थन में उतरा जनसुराज
BPSC Paper: पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव सोमवार को पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पहुंचे और (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर धरना दे रहे अभ्यर्थियों का समर्थन किया.
BPSC Paper: पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव सोमवार को पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पहुंचे और (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर धरना दे रहे अभ्यर्थियों का समर्थन किया. बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर धरना दे रहे अभ्यर्थियों से मिलने के लिए सोमवार को निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पहुंचे. उन्होंने अभ्यर्थियों की मांगों को जायज ठहराया. इधर, जन सुराज पार्टी भी अभ्यर्थियों के समर्थन में उतर आई है.
गूंगी और बहरी हो गई है सरकार: पप्पू यादव
पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव सोमवार को पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पहुंचे और अभ्यर्थियों का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि छात्र और युवा से बड़ा मुद्दा कुछ और नहीं हो सकता है. आज यहां सैकड़ों छात्र अपनी मांगों को लेकर बैठे हुए हैं.उन्होंने कहा कि सरकार गूंगी और बहरी हो गई है. उन्होंने इसके लिए सिस्टम, माफिया बीपीएससी और कोचिंग माफिया को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि बच्चों की मांग मानी जाए और परीक्षा रद्द हो. उन्होंने कहा कि यह बड़ा खेल हुआ है.
परीक्षा में व्यापक धांधली हुई
पप्पू यादव ने कहा कि बीपीएससी परीक्षा में व्यापक धांधली हुई है. हमारी मांग है कि 70वीं बीपीएससी का री-एग्जाम हो. उन्होंने छात्रों को भरोसा देते हुए कहा, “मैं अकेला आपकी लड़ाई लड़ूंगा और जहां भी जरूरत हुई मैं धरने पर बैठूंगा. अगर एक दो रोज में परीक्षा रद्द नहीं हुई तो मैं छात्रों के साथ बीपीएससी के सामने धरने पर बैठूंगा.”
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समर्थन में उतरा जनसुराज
इधर, जन सुराज के अध्यक्ष मनोज भारती ने प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कर पुनः परीक्षा कराने की मांग की है. पार्टी ने प्रारंभिक परीक्षा में हुई धांधली के खिलाफ पटना में धरना दे रहे छात्रों का समर्थन किया है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि पेपर लीक से जुड़े हुए लोगों की जांच की जाए और दोषियों को दंडित किया जाए जिससे छात्रों को अविलंब न्याय मिले. पत्र में यह भी लिखा गया है कि एक ऐसी व्यवस्था बने, जिससे भविष्य में पेपर लीक और दूसरी अनियमितताओं की पुनरावृति पर अंकुश लगाया जा सके.