पटना. संसद के शीत कालीन सत्र के प्रथम दिन, लोकसभा ने अधिवक्ता ( संशोधन) विधेयक को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी. बता दें कि इसे राज्य सभा ने मानसून सत्र में ही पारित किया था. इसे अब संसद से भी स्वीकृति प्रदान कर दी है. पटना उच्च न्यायालय ने वरीय महिला अधिवक्ता और एडवोकेट्स एसोसिएशन की उपाध्यक्ष श्रीमती छाया मिश्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को इस बहु प्रतीक्षित अधिनियम के लिए आभार व्यक्त किया है. छाया मिश्र ने बताया है कि उन्होंने साल 2014 से ही लगातार वकीलों की सुरक्षा के लिए कानून की मांग की हैं. इसके बाद अब इसे स्वीकृति दी गई है.
संसद की कानून एवं न्याय मंत्रालय की स्थाई समिति के अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी से भी छाया मिश्र ने इस तरह के कानून बनाने का अनुरोध किया था. वहीं, अब यह विधेयक राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिया भेजा जाएगा. इसके प्रावधानों के अनुसार दलाल ( टॉट्स) जो वकीलों, जजों और विभिन्न पक्षों को प्रभावित करते हैं. इसको बाहर किया जायेगा. वकीलों को अपने पेशेवर कामों में सुरक्षा दी जाएगी. कानूनी व्यवसी अधिनियम, १८७९, अधिवक्ता अधिनियम,१९६१, में संशोधन किया गया है. लीगल प्रैक्टिशनर एक्ट के धारा ३६ को विलोपित किया गया है. नई धारा ४५ जोड़ी गई हैं. अब कानूनी पेशे का विनिमियन( रेगुलेशन) प्रभावी होगा.