बिहार में लोजपा संसदीय दल का नेता बनने के बाद पशुपति पारस की परेशानी बढ़ गई है. दरअसल, पशुपति पारस और प्रिंस राज के खिलाफ मुजफ्फरपुर कोर्ट में परिवाद दायर किया गया है. परिवाद में आरोप लगाया गया है कि पशुपति पारस ने धोखाधड़ी करके लोजपा की कमान अपने हाथ में ली है, जिसके कारण उनपर आईपीसी की धारा 406, 420 के तहत मुकदमा चले.
जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास दायर परिवाद में कहा गया है कि पशुपति पारस साजिश के तहत लोजपा सांसदों को उकसाया और पार्टी को तोड़ने का काम किया. परिवाद में आगे कहा गया है कि पशुपति पारस के इस काम में प्रिंस राज ने भी सपोर्ट किया है. यह परिवाद समाजिक कार्यकर्ता कुंदन कुमार की ओर से दायर की गई है.
इन धाराओं में मुकदमा की मांग– याचिकाकर्ता ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर दावा किया है कि चिराग पासवान सही तरीके से पार्टी चला रहे थे, लेकिन पशुपति पारस ने पार्टी को छलावे से तोड़ दिया. परिवाद में कहा गया है कि यह संविधान का खुला उल्लंघन है. इसलिए आईपीसी की 406, 420 और 34 के तहत मुकदमा चले. मामले की अगली सुनवाई 6 जून को होनी है.
अध्यक्ष को लेकर घमासान- बताते चलें कि लोजपा में टूट के बाद अध्यक्ष पद को लेकर घमासान मचा है. पशुपति पारस की अध्यक्षता में हुई बैठक में चिराग पासवान को पार्टी अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. वहीं चिराग पासवान को ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर पशुपति पारस, प्रिंस राज सहित पांच सांसद को सस्पेंड कर दिया.
Posted By : Avinish Kumar Mishra