बेटे को ‘विरासत’ सौंपने की तैयारी में बिहार के ये दिग्गज नेता, गठबंधन को लेकर करेंगे बड़ा फैसला  

Bihar Politics: बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस अपनी राजनीतिक विरासत उनके पुत्र यश राज को सौंपने की तैयारी में हैं.

By Prashant Tiwari | November 27, 2024 4:55 PM

बिहार में चार विधानसभा क्षेत्रों में हुए उप चुनाव के बाद राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने अपनी सक्रियता बढ़ाते हुए अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 243 सीटों पर तैयारी शुरू कर दी है.  इस दौरान पार्टी में अब पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के प्रमुख पशुपति कुमार पारस की राजनीतिक विरासत उनके पुत्र यश राज को सौंपने को लेकर मंथन शुरू हो गया है. दरअसल, राष्ट्रीय लोजपा फिलहाल न एनडीए के साथ नजर आ रही है और न ही महागठबंधन के साथ है. ऐसे में पटना में 19 और 20 नवंबर को दो दिनों तक चली पार्टी की बैठक में सभी 243 सीटों पर तैयारी शुरू करने का निर्णय ले लिया है. 

अलौली से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं यश 

इस दौरान पार्टी ने कार्यकर्ताओं से कल यानी 28 नवंबर को लोजपा के स्थापना दिवस पर लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के पैतृक गांव शहरबन्नी पहुंचने की अपील की है. राष्ट्रीय लोजपा यहां लोजपा का स्थापना दिवस मनाएगी. बताया जा रहा है कि पार्टी के प्रमुख पारस के पुत्र यश राज ने अलौली से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि स्थापना दिवस समारोह के बाद अलौली विधानसभा क्षेत्र के गांव-गांव जाएंगे. 

फिलहाल गठबंधन को लेकर कोई फैसला नहीं 

वहीं, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल बताया कि अलौली की जनता यश राज को अगले विधानसभा चुनाव में लड़ाना चाहती है. वैसे, पार्टी में इसका निर्णय संसदीय बोर्ड द्वारा किया जाता है.  उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने फिलहाल 243 सीटों पर चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. चुनाव के समय देखा जाएगा कि किस गठबंधन के साथ जाना है. 

यश के चुनाव लड़ने में क्या बुराई

उन्होंने यश राज को पारस की विरासत संभालने से जुड़े प्रश्न पर कहा कि उनके खून में राजनीति है और उनको राजनीति की समझ भी है. अलौली की जनता भी उन्हें पसंद करती है. अलौली से पूर्व मंत्री पारस भी विधायक रह चुके हैं. ऐसे में अगर उनके पुत्र चुनाव लड़ते हैं तो क्या बुराई है?

इसे भी पढ़ें: Bihar: इंतजार हुआ खत्म, बिहार को मिलने जा पहला एक्सप्रेस-वे, जोड़ेगा 7 जिला और 19 शहर

Next Article

Exit mobile version