दरभंगा एयरपोर्ट पर यात्रियों को शीतकाल में 2 वर्ष और झेलनी होगी अनियमित उड़ान की परेशानी, जानें वजह
दरभंगा एयरपोर्ट पर शीतकाल में दो साल और लोगों को अनियमित उड़ान की समस्या झेलनी होगी. तब तक लो विजिबिलिटी की स्थिति में विमानों का परिचालन प्रभावित होता रहेगा. यात्रियों को विमानों के कैंसिल, डायवर्सन व लेटलतीफी झेलनी होगी.
अजय कुमार मिश्रा
दरभंगा. दरभंगा एयरपोर्ट से कम दृश्यता में वायुयानों के सफल संचालन के लिए अभी और इंतजार करना होगा. रन-वे एक्सटेंशन व कैट वन लाइन इंस्टालेशन का काम अगले साल शुरू होने की संभावना है. अप्रैल या मई में निविदा निकाली जायेगी. काम प्रारंभ होने के बाद इसे पूरा होने में करीब एक साल का समय लगेगा. इस तरह से देखा जाये तो शीतकाल में दो साल और लोगों को अनियमित उड़ान की समस्या झेलनी होगी. तब तक लो विजिबिलिटी की स्थिति में विमानों का परिचालन प्रभावित होता रहेगा. यात्रियों को विमानों के कैंसिल, डायवर्सन व लेटलतीफी झेलनी होगी.
कोहरे में भी हो सकेगा विमानों का परिचालन
रन-वे पर कैट वन लाइट लगाने के बाद पायलटों को कोहरे में भी विमान उतारने में कोई परेशानी नहीं होगी. विमानों के उड़ान भरने और उतरने में सबसे महत्वपूर्ण उपकरण इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आइएलएस) कैट वन लाइट जरूरी है. इस प्रणाली से विमानों के उतरने और उड़ान भरने के लिए कम दृश्यता बाधा नहीं बनती है. बता दें कि कैट वन लाइट 800 मीटर से अधिक विजिबिलिटी रहने की स्थिति में भी राह दिखाता है.
दो साल बाद जमीन स्थानांतरण की प्रक्रिया हुई पूरी
पिछले माह 14 नवंबर को एयरपोर्ट अथॉरिटी को करीब 24 एकड़ जमीन सरकार ने स्थानांतरित की है. यह जमीन दो पार्ट में 17.10 व 06.65 एकड़ सौंपी गयी है. बता दें कि दरभंगा एयरपोर्ट से नागरिक विमानन सेवा की शुरुआत आठ नवंबर 2020 को हुई थी. इस बीच शीतकाल में धुंध गहराने पर विमानों का परिचालन अस्त-व्यस्त होता रहा है.
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विमानों की आवाजाही पर पड़ रहा असर
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कम विजिबिलिटी में विमानों की आवाजाही पर पड़ रहा असर
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रनवे एक्सटेंशन व केट वन लाइट का काम अगले साल होगा शुरू
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शुरू होने के बाद काम पूरा होने में लगेगा एक साल का और समय
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पिछले माह 14 नवंबर को 24 एकड़ जमीन अधिग्रहण की पूरी हुई थी प्रक्रिया