पटना. आइआरसीटीसी की ओर से अब वैशाली एक्सप्रेस में यात्रियों को मड़ुआ की रोटी, सरसों का साग मिलेगा. इसके अलावा ज्वार बाजरा की रोटी भी देने की तैयारी में आईआरसीटीसी जुट गया है. मिलेट फूड के तहत यात्रियों को यह खानपान व्यवस्था उपलब्ध करायी जायेगी. साल 2023 में मोटे अनाज के लिए वर्ष घोषित किया गया है. इसी के तहत वैशाली, बिहार संपर्क क्रांति, स्वतंत्रता सेनानी समेत महत्वपूर्ण ट्रेनों में यात्रियों के लिए जायका के तहत विकल्प उपलब्ध होगा. ऐसे में अब देखना है कि यात्रियों को यह पहल पसंद आयेगा कि नहीं. जनवरी में किसी दिन भी इसकी शुरुआत हो सकती है. इसके लिए स्थानीय स्तर पर पदाधिकारी तैयारी करने में जुटे हुए हैं.
अधिकारियों की माने तो मोटे अनाज में कई चीजें शामिल ज्वार बाजरा, रागी, मड़ुआ जैसे कई विकल्प शामिल है, जहां भेंट की लाई भी कई जगह दिखते हैं. ऐसे में इन चीजों को उपलब्ध कराने से ग्रामीण परिवेश में आईआरसीटीसी की पहुंच हो सकेगी. अभी जहां रेडी टू ईट, पिज्जा आदि की बिक्री काफी अधिक रहती है. ट्रेनों में डिमांड रहती है. ऐसे में नई पीढ़ी के लिए इसका स्वाद लेना भी जरूरी है. फिलहाल सभी यूनिट में इसकी व्यवस्था की जा रही है, जिसे इसे उपलब्ध करा सके. इससे पहले आईआरसीटीसी की ओर से स्थानीय उत्पाद को भी खानपान में शामिल किया गया है.
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मडुए में कैल्शियम, प्रोटीन, ट्रिपटोफैन, आयरन, मिथियोनिन, फाइबर, लेशिथिन, फास्फोरस, कैरोटीन और कार्बोहाइड्रेट आदि भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसकी तासीर गर्म होती है. इसलिए इसे सर्दियों में ही खाना चाहिए. मडुआ की रोटी खाने से शरीर को अनेक फायदे मिलते हैं. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है, ताकि पोषक तत्व अनाज फसल जैसे कोदो, कुटकी, सांवा, ज्वार, बाजरा, रागी आदि मोटे अनाज जैसे फसलों को फिर से प्रचलित किया जा सके.