आनंद तिवारी, पटना
यात्रियों का छठ के बाद अपने काम पर लौटने के लिए जद्दोजहद शुरु हो गयी है. इसका पटना रेलवे स्टेशन पर साफ नजारा दिखा. पटना से सहरसा जा रही ट्रेन नंबर 12568 राज्यरानी एक्सप्रेस दोपहर 12:16 बजे प्लेटफॉर्म नंबर चार पर आयी. ट्रेन प्लेटफॉर्म पर पहुंचते ही यात्री ट्रेन में चढ़ने के लिए टूट पड़े. बच्चे और महिलाएं जब ट्रेन में गेट से नहीं घुस पाये, तो उन्हें खिड़की और इमरजेंसी गेट के रास्ते ट्रेन के अंदर जाना पड़ा. यही हाल सुबह 11:50 बजे कोटा के लिए रवाना हुई पटना-कोटा एक्सप्रेस में भी देखने को मिला. ट्रेन के जनरल कोच से लेकर स्लीपर व एसी में यात्रियों की काफी भीड़ थी. एक सीट पर छह तो कहीं सात यात्री बैठे हुए थे.
छठ पर्व पर यात्रियों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो, इसको लेकर रेलवे सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टीम तैनात की गयी है. यहां तक कि कोई हादसा नहीं हो, इसलिए रेलवे भी सतर्क दिखा और पुल पर भीड़ न लगाने की चेतावनी दी. हालांकि, परिसर व पैदल पुल पर रेलवे पुलिस की टीम तैनात है. लेकिन प्लेटफॉर्म नंबर 3, 4, 5, 6 और 8 पर सुरक्षाकर्मी नदारत दिखे. नतीजतन ट्रेनों में अफरा-तफरी के माहौल व बिना कतार लगे यात्री ट्रेन में रवाना हुए.
टिकट आरक्षण काउंटर पर मंगलवार काफी भीड़ रही. सुबह 10 बजे तत्काल टिकट काउंटर खुलने के बाद दो मिनट के अंदर दिल्ली व मुंबई की ट्रेनों में वेटिंग हो गयी. वहीं, रेलवे के काउंटर से सिर्फ आठ को ही कन्फर्म टिकट मिल पाया. लाइन में खड़े कंकड़बाग के गंगाराम ने बताया कि उन्हें दिल्ली जाने के लिए तत्काल टिकट चाहिए. लेकिन उन्हें तत्काल में वेटिंग 18 बतायी गयी. ऐसे में वह बिना टिकट लिये ही जा रहे रहे. यही स्थिति अधिकतर यात्रियों के साथ देखने को मिली. दरअसल छठ पर्व के बाद अलग-अलग शहरों में लौटने वाले यात्री प्रमुख ट्रेनों में टिकट के लिए परेशान हैं. यात्रियों ने बताया कि स्लीपर क्लास में टिकट के लिए सुबह 11 बजे तत्काल की बुकिंग होती है. सुबह पांच बजे से ही अधिकतर यात्री काउंटर पर पहुंच गये थे.