बिहार के स्टेशनों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व से रूबरू होंगे यात्री, तैयार होगा डाटा बैंक
रेलवे बोर्ड ने पूर्व मध्य रेलवे सहित देशभर के सभी 17 जोन के महाप्रबंधकों को निर्देश जारी किया था. इसमें एक समिति का गठन कर ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी जुटायी जायेगी.
आनंद तिवारी, पटना. पूर्व मध्य रेलवे के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महत्व वाले स्टेशनों का डाटा बैंक तैयार करने की कवायद शुरू होने जा रही है. रेलवे बोर्ड का मकसद है कि अंग्रेजों के जमाने से लेकर अब तक बनाये गये समृद्ध व ऐतिहासिक रेलवे स्टेशनों के बारे में देशवासियों को रू-ब-रू करया जाये. इससे देश-विदेश के पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी. दरअसल रेलवे ऐतिहासिक व सांस्कृतिक स्थलों को ट्रेनों के जरिये जोड़कर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नीति बना रहा है. रेलवे द्वारा अपनी तरह की पहली कवायद है, जिसका उद्देश्य विभिन्न पर्यटन स्थलों पर लोगों की परेशानी मुक्त और निर्बाध आवाजाही है.
डाटा बैंक को पीएएमएस पर किया जायेगा अपलोड
जानकारी के अनुसार रेलवे बोर्ड ने पूर्व मध्य रेलवे सहित देशभर के सभी 17 जोन के महाप्रबंधकों को निर्देश जारी किया था. इसमें एक समिति का गठन कर ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी जुटायी जायेगी. इस जानकारी को रेलवे बोर्ड को भेजने से पहले समिति उपलब्ध अभिलेखागार, नींव पट्टिका, वाणिज्य, उद्घाटन दस्तावेज, पास के एतिहासिक पुल-पुलिया के विवरण और सूचना के किसी अन्य स्रोत के साथ जानकारी की जांच करेगी. इसके बाद रेलवे स्टेशनों की संबंधित जानकारी का डाटा बैंक तैयार कर उसे पैसेंजर अमनीटीज मैनेजमेंट सिस्टम (पीएएमएस) पर अपलोड किया जायेगा. इससे ऑनलाइन भी यात्री व आम लोग देख सकेंगे.
पूमरे में सभी जानकारियां जुटाने का काम शुरू
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि रेलवे बोर्ड की ओर से जारी निर्देश का पालन शुरू कर दिया गया है. बिहार में पटना जंक्शन, पटना साहिब स्टेशन सहित कई ऐसे स्टेशन हैं, जिनका इतिहास काफी महत्व रखता है. डाटा बैंक के तहत पूमरे रेलवे की ओर से अपने अलग-अलग मंडल के अंतर्गत आने वाले इतिहास से जुड़े सभी स्टेशनों की जानकारियां जुटाने का काम शुरू कर दिया है. इसमें स्टेशन का नाम, राज्य का नाम, विरासत, पुरानी तस्वीरें, भवन की विवधता, कला-संस्कृति, तीर्थ यात्रा आदि की जानकारी एकत्र की जा रही है.