PHOTOS: दानापुर में अग्निवीरों के पहले बैच की हुई पासिंग आउट परेड, 437 जवानों ने ली देश सेवा की शपथ
पटना के दानापुर में स्थित बिहार रेजिमेंटल सेंटर छावनी के परेड ग्राउंड में पायनियर बैच के 437 अग्निवीरों ने देश सेवा का प्रण लिया. जांबाजों ने जोशीले अंदाज में परेड कर लोगों में देश प्रेम का जज्बा भरने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी. तस्वीरों के माध्यम से देखिए इस पासिंग आउट परेड की कुछ झलकियां....
पटना के दानापुर छावनी में शनिवार को परेड ग्राउंड में 437 अग्निवीरों के प्रथम बैच की पासिंग आउट परेड का आयोजन हुआ. इन सभी जवानों ने 31 सप्ताह के कठिन परिश्रम के बाद अपने देश की आन-बान और शान की रक्षा करने के लिए शपथ ली. इस खास मौके पर अग्निवीरों के परिवार वाले भी शामिल हुए.
इस परेड का नेतृत्व अग्निवीर विपिन कुमार ने किया. इस अवसर पर रेजिमेंट के कमांडेंट ब्रिगेडियर केडी जसपाल ने अग्निवीरों से तिरंगे के प्रति अपनी प्रतिज्ञा को हमेशा याद रखने और मातृभूमि की सेवा में कोई कसर न छोड़ने की शपथ दिलायी.
इस दौरान ब्रिगेडियर केडी जसपाल ने अग्निवीरों से कहा कि भारतीय सेना के बेहतरीन यूनिटों में जाने का अवसर प्राप्त हुआ है. इसके लिए आपको हमेशा न सिर्फ शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ व सुदृढ़ रहना होगा. आपकी एक गोली एक दुश्मन के लिए लक्ष्य प्राप्त कर सके.
ब्रिगेडियर जसपाल ने ने अग्निवीरों से कहा कि ट्रेनिंग में आप शारीरिक दक्षता, हथियारों की कुशल हैडलिंग, मैप रीडिंग तथा टेक्निकल कुशलता में दक्षता हासिल कर एक अनुशासित सोल्जर बनकर देश की रक्षा करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो गये है.
ब्रिगेडियर ने कहा कि लडाई और युद्ध हर रोज नहीं होती, पर एक इंफेंट्री सैनिक (इन्फेंट्री या पैदल सेना सेना की एक सामान्य शाखा है, जो पैरों पर सैन्य युद्ध में जुड़ी होती है) के लिए हर दिन एक नयी लड़ाई व नयी चुनौतियां सामने आती हैं. लद्दाख और सियाचिन की बर्फीली पहाड़ियां, जम्मू व कश्मीर के दुर्गम जंगल, पूर्वोत्तर के कठिन इलाके जो भी आपकी कर्म भूमि हो, आपको उस पर खरा उतरना है.
पासिंग आउट परेड की सराहना करते हुए केडी जसपाल ने अग्निवीरों से कहा कि रेजिमेंट भारतीय सेना की सबसे अलंकृत रेजिमेंट है. प्रशिक्षित सभी अग्निवीर आज से रेजिमेंट के अभिन्न अंग हैं.
इस दौरान कई अग्निवीरों ने कहा कि हमने अपने मातृभूमि की रक्षा करने के लिए जान न्योछावर करने की कसमें खाई. देश व सरहद की रक्षा करने के लिए अपनी जान न्योछावर कर देंगे.
अग्निवीरों ने कहा कि बचपन से देश की रक्षा करने का सपना था. जो अब अग्निवीर बनकर पूरा होगा. हम अपने मातृभूमि की रक्षा करेंगे. कहा कि अग्निवीर बनाकर देश की सरहद पर तैनात होकर रक्षा करेंगे.
अग्निवीरों ने कहा कि कारगिल व गलवान घाटी के युद्ध के बाद मातृभूमि की रक्षा करने के लिए सैनिक बनने का सपना था, जो आज अग्निवीर बनकर अब पूरा होगा. प्रशिक्षण के दौरान मातृभूमि की रक्षा करने समेत दुश्मनों से लडने की ट्रेनिंग दिया गया. अपनी मातृभूमि की रक्षा करने का मौका मिला है
Also Read: बिहार के इन रेलवे स्टेशनों की बदलने वाली है सूरत, देखें अद्भुत तस्वीरेंपरेड में आए अग्निवीरों के माता- पिता ने बेटे के अग्निवीर बाने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बेटे के अग्निवीर बन कर मातृभूमि की रक्षा करने पर गौरव महसूस हो रहा है.
वहीं इस दौरान प्रशिक्षक सूबेदार कर्मा बांडो ने कहा कि अग्निवीर को ट्रेनिंग देने के दौरान बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि सिविल इलाके से आने के कारण सेना के अनुशासन के बारे में कोई जानकारी नहीं होता है. उससे सेना के अनुशासन के साथ प्रशिक्षण करने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.