बिहार में लिथियम व रेयर अर्थ एलिमेंट के खनन का रास्ता साफ, केंद्र ने दी रायल्टी दर को मंजूरी
संशोधन के जरिये अन्य बातों के अलावा, रॉयल्टी की दर के मामले में केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी से केंद्र सरकार देश में पहली बार लिथियम, नायोबियम और आरइइ के लिए ब्लॉकों की नीलामी करने में सक्षम होगी. ब्लॉकों की नीलामी में बोली लगाने वालों के लिए मापदंडों का निर्धारण किया जायेगा.
पटना. बिहार में लिथियम और रेयर अर्थ एलिमेंट के खनन का रास्ता साफ हो गया है. केंद्र सरकार ने इसकी रायल्टी का दर निर्धारित कर दिया है. केंद्र सरकार ने लिथियम और नायोबियम सहित छह खनिजों को परमाणु खनिजों की सूची से हटा दिया है. इससे नीलामी के माध्यम से निजी क्षेत्र को इन खनिजों के लिए रियायतें देने की अनुमति मिल जायेगी. इसके साथ ही लिथियम, नायोबियम और आरइइ (यूरेनियम और थोरियम रहित) के साथ 24 महत्वपूर्ण खनिजों के खनन पट्टे और समग्र लाइसेंस की नीलामी केंद्र सरकार द्वारा की जायेगी.
लिथियम के भंडार होने की संभावना
बिहार में जमुई के आसपास लिथियम के भंडार होने की संभावना है. वहीं यूरेनियम व थोरियम जैसी दुर्लभ धातु आरइइ के बांका व मुंगेर के आसपास होने की संभावना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों लिथियम, नायोबियम और रेयर अर्थ एलिमेंट्स (आरइइ) के संबंध में रॉयल्टी की दर तय करने के लिए खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 की दूसरी अनुसूची में संशोधन को मंजूरी दे दी है. संशोधन के जरिये अन्य बातों के अलावा, रॉयल्टी की दर के मामले में केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी से केंद्र सरकार देश में पहली बार लिथियम, नायोबियम और आरइइ के लिए ब्लॉकों की नीलामी करने में सक्षम होगी. ब्लॉकों की नीलामी में बोली लगाने वालों के लिए मापदंडों का निर्धारण किया जायेगा.
डिफ़ॉल्ट रॉयल्टी दर एएसपी का 12 प्रतिशत होगी
केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के अनुसार यदि लिथियम, नायोबियम और आरइइ के लिए रॉयल्टी दर विशेष रूप से उपलब्ध नहीं की जाती है, तो उनकी डिफ़ॉल्ट रॉयल्टी दर एएसपी का 12 प्रतिशत होगी. यह अन्य महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की तुलना में काफी अधिक है. जानकारों के अनुसार बिजली के स्रोतों के अलावा लिथियम, नायोबियम और आरइइ का उपयोग बढ़ने वाला है. स्वदेशी खनन को प्रोत्साहित करने से आयात में कमी आयेगी और संबंधित उद्योगों तथा परियोजनाओं की स्थापना होगी. इससे खनन क्षेत्र में रोजगार बढ़ने की भी उम्मीद है.
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नौ ब्लाॅक में से तीन ब्लाॅक की नीलामी का अधिकार राज्य सरकार को
हाल ही में केंद्र सरकार ने राज्य को आवंटित नौ ब्लाॅक में से तीन ब्लाॅक की नीलामी का अधिकार राज्य सरकार को दिया है. बाकी छह ब्लाक की नीलामी केंद्र सरकार के स्तर पर होनी है. राज्य सरकार के स्तर से जिन खनिज ब्लाक की नीलामी होनी है, उनमें जमुई में स्थित मैग्नेटाइट (लौह अयस्क) खनिज ब्लाॅक, रोहतास का भोरा कटरा ब्लाक स्थित लाइम स्टोन (पोटाश) ब्लाक और गया में पातालगंगा एवं जहानाबाद जिले के सपनेरी गांव के आसपास स्थित वैनेडियम युक्त मैग्नेटाइट की ब्लाॅक शामिल हैं.
खनिज विकास पदाधिकारियों से स्थल रिपोर्ट मांगी
इनके अलावा रोहतास में पीपराडीहा भूरवा की ग्लूकोनाइट, रोहतास में चुटिया नौहट्टा की चूना पत्थरब्लाक, कैमूर में पोटाश के ब्लाक और मुंगेर में बाक्साइड एवं विरल मृदा धातु के ब्लाक की नीलामी केंद्र सरकार के स्तर पर होगी. नीलामी की प्रक्रिया प्रारंभ करने के लिए जमुई, रोहतास गया एवं जहानाबाद के अलावा कैमूर, मुंगेर जिलों के खनिज विकास पदाधिकारियों से स्थल रिपोर्ट मांगी गयी है.