बिहार के सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को मिलेगा जीविका का बना कपड़ा, जानिए क्या होगा खास
बिहार के सरकारी अस्पतालों में करीब 25 हजार बेड हैं. इनमें मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, जिला अस्पतालों और अनुमंडलीय अस्पतालों की करीब 15 हजार बेड हैं. इन बेडों पर अब जीविका समूह को मरीजों का खादी का ड्रेस की आपूर्ति की जानी है.
पटना. अगले महीने जून से सूबे के सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों काे जीविका दीदियों के हाथ से बना कपड़ा मिल सकेगा. सरकार ने मरीजों की ड्रेस की सप्लाइ और उसकी धुलाई का काम जीविका समूहों को सौंपने का फैसला किया है. अब जून महीने में इसके लिए जीविका के साथ स्वास्थ्य विभाग का आधिकारिक करार होगा. इसके जीविका दीदियों द्वारा मरीजों के लिए ड्रेस तैयार करने का काम आरंभ हो जायेगा. स्वास्थ्य विभाग ने इसी साल फरवरी में इस संबंध में संकल्प जारी किया था. करार के बाद जीविका समूह द्वारा मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, जिला अस्पतालों और अनुमंडलीय अस्पतालों में भर्ती होनेवाले सभी मरीजों को नया ड्रेस मिलने लगेगा. साथ ही परिसर का साफ सफाई भी होने लगेगी.
राज्य के सरकारी अस्पतालों में हैं 25 हजार बेड
राज्य के सरकारी अस्पतालों में करीब 25 हजार बेड हैं. इनमें मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, जिला अस्पतालों और अनुमंडलीय अस्पतालों की करीब 15 हजार बेड हैं. इन बेडों पर अब जीविका समूह को मरीजों का खादी का ड्रेस की आपूर्ति की जानी है. मरीजों को प्रतिदिन नया नया ड्रेस मिले इसके लिए मरीजों के ड्रेस की धुलाई का काम भी जीविका द्वारा किया जाना है. वर्तमान में यह काम हर अस्पताल खुद करते हैं.
जीविका को मिलेगा साढ़े नौ सौ रुपये प्रति ड्रेस
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रति ड्रेस सेट के लिए जीविका को साढ़े नौ सौ रुपये का दर भी निर्धारित किया गया है. इसमें पांच प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि का भी प्रावधान रखा गया है. इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए 14 करोड़ 14 लाख 85 हजार खर्च होने की संभावना है.
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30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से मिलेगी धुलाई की रकम
इसी प्रकार से वस्त्रों की धुलाई की सेवा के लिए जिसमें मरीज का ड्रेस, चादर, तकिया सहित ओटी कक्ष के लिनेन सहति अन्य कपड़ों की धुलाई और निस्संक्रमण, ब्लीचिंग और सुखाने के लिए जीविका को लाउंड्री काम के लिए 30 रुपये प्रति किलोग्राम का दर निर्धारित किया गया है.