पटना. पीएमसीएच के एमबीबीएस छात्रों की ओर से ओपीडी सेवा ठप किये जाने से शनिवार को दूर-दराज से आये मरीजों को उपचार नहीं मिल पाया. ओपीडी में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गयी. इलाज नहीं होने के कारण कई परिजन आक्रोशित हो गये, आक्रोशित लोग अस्पताल प्रशासन की व्यवस्था को कोसते हुए खुद घर लौट गये.
वहीं पूरे दिन अस्पताल की ओपीडी सेवाएं प्रभावित रहने पर कई मरीजों को उनके परिजन निजी अस्पताल लेकर चले गये. इधर एमबीबीएस फर्स्ट इयर के छात्रों का समर्थन पीएमसीएच के सभी यूजी व पीजी छात्रों के साथ जूनियर डॉक्टर व जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने भी किया. रविवार को ओपीडी बंद होने से अधिकांश मरीज शनिवार को इलाज कराने पहुंचे थे.
पीएमसीएच के एमबीबीएस फर्स्ट इयर की परीक्षा में फेल होने के विरोध में लामबंद छात्र व जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार की सुबह जम कर हंगामा किया. अस्पताल में मेडिकल छात्रों ने ओपीडी, पैथाेलॉजी बंद करा दी. छात्र सुबह 10 बजे ही ओपीडी पहुंच गये थे आैर गेट बंद करा दिया. इसके बाद ओपीडी में इलाज ठप हो गया.
इससे दूर-दूर से आये मरीज, परिजन भटकते रहे. पूरे दिन ओपीडी में करीब 1500 से अधिक मरीजों का इलाज नहीं हो सका. ओपीडी बंद कराने के अलावा छात्रों ने प्रिंसिपल ऑफिस का घेराव किया. करीब चार घंटे तक प्रिंसिंपल चेंबर के पास डटे रहे. इसके बाद छात्रों ने आर्यभट्ट यूनिवर्सिटी से दोबारा कॉपी की जांच कराने के लिए लिखित में ज्ञापन सौंपा.
छात्र सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक यानी लगभग चार घंटे तक प्रिंसिपल चेंबर के बाहर हंगामा व नारेबाजी की. गौरतलब है कि आम दिनों में दोपहर डेढ़ बजे करीब 2000 से 2300 मरीजों का प्रतिदिन इलाज होता है और रविवार को ओपीडी बंद रहता है.
सुबह मुश्किल से एक से सवा घंटे तक ओपीडी खुला रहा. इस दौरान करीब 711 मरीजों का इलाज किया गया. नौ बजे से ही छात्र प्रिंसिपल ऑफिस के सामने जुटना शुरू हो गये थे. 10 बजे जैसे ही प्रिंसिपल चेंबर में आये छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया.
एक जुट छात्र ओपीडी में पहुंच गये और रजिस्ट्रेशन काउंटर, चर्म रोग और मेन ओपीडी का गेट बंद कर दिया. इससे कुछ मरीज अंदर और बाकी मरीज बाहर परिसर में फंस गये. विरोध की वजह से जूनियर व सीनियर डॉक्टर भी चेंबर से उठ गये.
Posted by Ashish Jha