कोरोना से ठीक मरीज अब टीबी का हो रहे शिकार, अस्पतालों में भर्ती 70 फीसदी मरीज पोस्ट कोविड समस्या से परेशान
राजधानी पटना में कोरोना से हालात सुधर चुके हैं. संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद अब नयी परेशानी खड़ी हो गयी है. शहर के अधिकतर सरकारी व निजी अस्पतालों में अब कोरोना के नहीं बल्कि पोस्ट कोविड समस्याओं से पीड़ित मरीज भर्ती हो रहे हैं.
आनंद तिवारी, पटना. राजधानी पटना में कोरोना से हालात सुधर चुके हैं. संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद अब नयी परेशानी खड़ी हो गयी है. शहर के अधिकतर सरकारी व निजी अस्पतालों में अब कोरोना के नहीं बल्कि पोस्ट कोविड समस्याओं से पीड़ित मरीज भर्ती हो रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि अस्पतालों में भर्ती 70 फीसदी मरीज पोस्ट कोविड समस्याओं वाले हैं. इनमें से कुछ की हालत गंभीर है व कई मरीजों पर टीबी का भी हमला हुआ है.
कोविड निगेटिव व डिस्चार्ज होने के एक महीने बाद भी बुखार जकड़ रहा है. मरीजों को मलेरिया, टायफाइड और अन्य जांच करानी पड़ रही है. कई मरीजों में पाया गया है कि निमोनिया के बैक्टीरिया का संक्रमण अधिक मिल रहा है. कुछ मरीजों की जांच में टीबी मिला है.
वायरस फेफड़ों में पहुंच कर बढ़ा रहा टीबी का खतरा
चिकित्सकों के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में कोविड संक्रमित ऐसे भी मरीज मिले हैं, जिनकी जांच में उनमें टीबी के जीवाणु मिले हैं. ऐसे में इन मरीजों का कोविड के साथ टीबी का उपचार भी किया जा रहा है. पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि कोरोना से अधिक अब पोस्ट कोविड के मरीज इलाज को आ रहे हैं.
कुछ दिनों में करीब 10 कोविड संक्रमित मरीज ऐसे आये हैं, जिनकी जांच में टीबी के लक्षण भी पाये गये. टीबी की दवा के उपचार से उन्हें राहत मिल रही है. इम्युनिटी कम होने पर जैसे ब्लैक फंगस का संक्रमण बढ़ा है, उसी तरह टीबी भी बढ़ा है.
फेफड़ों में मिले पस की जांच करने पर टीबी निकला
केस-1: फुलवारीशरीफ के कोविड संक्रमित 40 वर्षीय युवक की पीएमसीएच में शुरुआत में जब जांच करवायी गयी, तो उसका सिटी स्कैन सामान्य मिला. वहीं बाद में उसकी जांच करने पर फेफड़ों में पस व पानी पाया गया. उसकी जांच करवाने पर पता चला कि उन्हें टीबी है.
ऐसे में जहां सामान्य मरीज आठ दिन में स्वस्थ्य होकर अपने घर चले जाते हैं, वहीं इस मरीज को ठीक होने में 20 दिन लगे और इन्हें अगले छह माह तक टीबी की दवाएं लेना होंगी. निमोनिया होने के बाद मरीज की जांच में टीबी मिला.
केस-2: मसौढ़ी के रहने वाले कोविड संक्रमित 38 वर्षीय एक मरीज की जांच आइजीआइएमएस में करायी गयी. उनके फेफड़ों में पस पाया गया. उसे सर्जिकल ट्यूब डालकर निकला गया और उसकी जांच में मरीज को टीबी होना पाया गया. मरीज को निमोनिया हो गया था और आॅक्सीजन भी लगी थी. ऐसे में अब मरीज को छह से आठ माह तक टीबी की दवाएं लेनी होंगी.
पटना में 223 कोरोना के मरीजों का चल रहा है इलाज
पटना शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एम्स और एनएमसीएच में अब केवल 223 कोरोना मरीज ही भर्ती हैं. इनमें से पीएमसीएच में केवल चार ही रोगी भर्ती हैं, लेकिन संक्रमण के मरीजों की संख्या कम होने के बाद अब पोस्ट कोविड मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ रही है. इन रोगियों को संक्रमण से स्वस्थ होने के बाद सांस लेने में तकलीफ, थकान, न्यूरो, हृदय संबंधी विकार, फेफड़ों में परेशानी और मानसिक समस्याएं हो रही हैं.
वहीं आइजीआइएमएस के अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने कहा कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी कुछ ऐसे मरीज हैं, जो लापरवाही बरतते हैं, जिन्हें पोस्ट कोविड होने का खतरा अधिक होता है. कोरोना से स्वस्थ होने के बाद भी पूरी सावधानी बरतने की जरूरत है. एम्स कोविड वार्ड के नोडल पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार ने कहा कि पिछले 15 दिन से पोस्ट कोविड मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
Posted by Ashish Jha