मुजफ्फरपुर. आइ हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद आंख गंवाने वाले 19 मरीजों को स्वास्थ्य विभाग पत्थर की आंख लगायेगा. इसके अलावा जिनकी दूसरी आंख से रोशनी नहीं आ रही है, उनकी आंखों का ऑपरेशन कर उसमें लेंस लगायेगा. यह ऑपरेशन पटना के आइजीआइएमएस में होगा. बुधवार को राजकीय नेत्र चिकित्सालय पटना के अध्यक्ष डॉ हरीश चंद्र ओझा के नेतृत्व में आयी टीम ने एसकेएमसीएच में चार घंटे तक मरीजों से बातचीत के बाद ये बातें कहीं. टीम ने उनकी आंखों की जांच की और मरीजों से घटना के दिन की पूरी जानकारी ली.
मरीजों ने कहा कि आंख के ऑपरेशन के दो दिन बाद ही आंखों में जलन के साथ सिर दर्द से कराहते रहे, लेकिन कोई देखने नहीं आया. सीएस साहेब आये, तो एसकेएमसीएच पहुंचाया गया. जिस आंख से देखते रहे, उस आंख को निकलवना पड़ा. अब इ दूसर आंख बचतई कि ना ए हजूर… इतना कह कर भावुक होकर रोने लगे. मुजफ्फरपुर आइ हॉस्पिटल की ओर से विशेष शिविर में कराये गये मोतियाबिंद ऑपेरशन के बाद आंख गंवाने वाली सावित्री की तरह 31 पीड़ितों ने पटना से आयी टीम के समक्ष अपनी आपबीती सुनाई.
जांच टीम के सदस्य मरीजों की आपबीती सुनकर सन्न रह गये. टीम सदस्यों ने मरीजों की आंख देखी और दूसरी आंख को बचाने पर मंथन किया. सुपर स्पेशलिटी आंख अस्पताल राजेंद्र नगर के निदेशक डॉ हरिशचंद्र ओझा के नेतृत्व में आइजीआइएमएस नीलेश रंजन, पीएमसीएच आंख विभागाध्यक्ष डॉ सीएम सिंह, एम्स पटना के विभागध्यक्ष डॉ अमित राज शामिल थे. इनके साथ सिविल सर्जन डॉ एसपी सिंह, एसकेएमसीएच आइ हॉस्पिटल के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ आरके सिंह, डॉ हसीब असगर व डॉ नीतू कुमारी शामिल थीं.
22 नवंबर 2021 को 65 मरीजों का आपरेशन हुआ था. इनमें से संक्रमण के बाद 19 लोगों की एक-एक आंख निकालनी पड़ी. इस आॅपरेशन के बाद 31 लोगों की आंख में संक्रमण हुआ है. ये सभी लोग आज जांच टीम के सामने आये. सीएस डाॅ एसपी सिंह ने बताया कि जांच टीम ने जिन लोगों की एक आंख गयी है, उनकी दूसरी को कैसे बचाया जाए, इसके साथ मुजफ्फरपुर आइ हॉस्पिटल प्रबंधक से आॅपरेशन संबंधी जानकारी मांगी गयी है.
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पिछले साल 22 नवंबर 2021 को 65 मरीजों का ऑपरेशन हुआ. इनमें से 19 लोगों की आंख की रोशनी चली गयी. उसके बाद मुजफ्फरपुर आइ हॉस्पिटल के सचिव प्रबंधक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी. दूसरी ओर, हाईकोर्ट में भी मामला चल रहा है. विभाग की ओर से हाईकोर्ट के निर्देश पर पटना से चिकित्सकों की टीम का गठन किया. अपनी आंख गंवा चुके मरीजों में से राममूर्ति सिंह, हरेंद्र रजक, पन्ना देवी और प्रेमा देवी, भरत प्रसाद सिंह, सुखदेव सिंह, शत्रुघ्न महतो, भरत पासवान तथा सावित्री देवी ने न्याय पाने के लिए जिला उपभोक्ता आयोग में न्याय के लिए दस्तक दी है. इस पर सुनवाई चल रही है.
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ऑपरेशन किस चिकित्सक ने किया, एक दिन में एक साथ कितना ऑपरेशन किया
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अस्पताल में कितने विशेषज्ञ चिकित्सक व कर्मी हैं
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ऑपरेशन से पहले मरीज की किसने काउंसलिंग की
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जब संक्रमण हुआ, तो क्या उपाय किया गया, कब अस्पताल भेजा गया
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ओटी को संक्रमण मुंक्त करने के लिए क्या उपाय किये गये
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मरीज कितने दिन पहले भर्ती हुए