पटना में अब अपराधियों की खैर नहीं! एक महीने में एक्टिव होंगे 600 सीसीटीवी और आइट्रीपलसी 1950 कैमरों
पटना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत बीते तीन-चार महीनों में एक हजार सीसीटीवी कैमरे अलग-अलग स्थलों पर लगाये गये हैं. इनमें से 400 कैमरे एक्टिवेट भी हो चुके हैं, जो शहर की प्रमुख सड़कों और सार्वजनिक स्थलों की निगरानी कर रहे हैं.
अनुपम कुमार, पटना
पटना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत बीते तीन-चार महीनों में एक हजार सीसीटीवी कैमरे अलग-अलग स्थलों पर लगाये गये हैं. इनमें से 400 कैमरे एक्टिवेट भी हो चुके हैं, जो शहर की प्रमुख सड़कों और सार्वजनिक स्थलों की निगरानी कर रहे हैं. इनमें गांधी मैदान सर्किल, गंगा पथ, आयकर गोलंबर, जेपी गोलंबर, डाकबंगला चौराहा जैसे शहर के नामचीन स्थल शामिल हैं. बचे 600 कैमरे भी एक माह के भीतर एक्टिवेट हो जायेंगे और शहर की निगहबानी करेंगे. अगले दो-तीन महीनों में 950 कैमरे और इंस्टॉल और एक्टिवेट किये जायेंगे. इस तरह कुल 1950 कैमरे और उनको स्वत: नियंत्रित करने वाले अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर और सर्वर के माध्यम से आइट्रीपलसी का सेंट्रल कंट्रोल रूम 24 घंटे पटना सिटी से लेकर सगुना मोड़ तक पूरे शहर के प्रमुख स्थलों की निगरानी करेगा.
गांधी मैदान सर्किल में सबसे अधिक 59 कैमरे
गांधी मैदान सर्किल में सबसे अधिक 59 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. इसकी वजह यहां प्रमुख राजनीतिक रैलियों और कार्यक्रमाें का होना है, जिनके दौरान निगरानी ओर विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए ऐसे कैमरे बेहद उपयोगी हैं. ये कैमरे गांधी मैदान के गेट संख्या एक से 13 तक लगाये गये हैं. इनमें गांधी मैदान के भीतरी और बाहर दोनों साइड में कैमरे लगाये गये हैं और ये सभी कैमरे एक्टिवेट भी हो चुके हैं,जिनके माध्यम से गांधी मैदान के चप्पे-चप्पे की निगरानी की जा रही है.
Also Read: बिहार विधानसभा में मुजफ्फरपुर हत्याकांड को लेकर हुआ हंगामा, विपक्ष ने वेल में चलायी समानांतर सदन की कार्यवाही
गंगा पथ पर सात प्वाइंट पर लगे कैमरे
गंगा पथ पर कमिश्नरी ऑफिस के पास इसके शुरुआती प्वाइंट से लेकर पीएमसीएच तक कुल सात जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं, जिनमें कई जगहों पर एक से अधिक सीसीटीवी कैमरे भी लगाये गये हैं.
शहर में प्रवेश से बाहर निकलने तक वाहनों पर नजर रखेंगे कैमरे
ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन सिस्टम से लैस ये अत्याधुनिक कैमरे वाहनों का नंबर प्लेट अपने आप पढ़ लेने में सक्षम हैं, जो शहर में वाहनों के प्रवेश से लेकर उनके शहर से बाहर निकलने तक उन पर नजर रखेंगे. इस प्रकार किसी वारदात के बाद शहर में प्रवेश करने वाले अपराधियों या आतंकियों के वाहन या किसी वारदात को अंजाम देकर बाहर निकल भागने का प्रयास करने वाले वाहनों पर नजर रखना बहुत आसान हो जायेगा.
ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों पर भी होगी नजर
कैमरों की नजर ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों पर भी होगी और कैमरे के साथ लगा अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर ऐसे वाहनों का नंबर प्लेट समेत फोटो खींच रजिस्ट्रेशन के समय दर्ज मोबाइल पर अपने आप चालान काट कर भेज देगा.
ओवरस्पीडिंग पर भी रखेगा नजर
इंस्टॉल किये जाने वाले कैमरों में कुछ कैमरे ऐसे भी हैं, जो वाहनों की गति को अपने आप मापने में सक्षम हैं. इन कैमरे के साथ लगा अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर निर्धारित सीमा से अधिक तेज गति से चलने वाले वाहनों के मालिकों पर उनके द्वारा रजिस्ट्रेशन के समय दर्ज मोबाइल नंबर पर चालान काट कर भेज देगा .
पहले से काम कर रहे पुलिस के 130 कैमरे
पुलिस द्वारा लगाये गये 130 सीसीटीवी कैमरे पहले से शहर में काम कर रहे हैं. डाकबंग्ला चौराहा , फ्रेजर रोड, गांधी मैदान एग्जीबिशन रोड , बेली रोड पटेल भवन, छज्जूबाग और आयकर गोलंबर जैसे प्रमुख स्थलों पर ये लगे हैं. तकनीकी दृष्टि से थोड़े पुराने होने के बावजूद महत्वपूर्ण प्वाइंट पर लगे होने के कारण अपराध अनुसंधान में अक्सर ये उपयोगी साबित होते हैं.