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पटना AIIMS में मरीजों के लिए शुरू हुई नयी सुविधा, बिना हाथ-पैर काटे होगा हड्डियों का इलाज

युवा हड्डी रोग विशेषज्ञों को नवीनतम जानकारी व तकनीक से परिचित कराने के लिए एम्स, पटना में 17 एवं 18 दिसंबर को असामी इंडिया एवं एम्स ऑर्थोपेडिक विभाग की ओर से बेसिक इलिजारोव कोर्स आयोजित की जा रही है

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2022 2:01 AM

पटना. हड्डी से जुड़ी बीमारियां व सर्जरी के दौरान मरीजों को काफी सहूलियत भरा इलाज पटना एम्स में अब शुरू हो गया है. हड्डी रोग से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार एम्स पटना में भी हड्डियों को उगाने की तकनीक से इलाज कर मरीजों को जल्द से जल्द राहत दिलाया जायेगा. हड्डी की विकृति, संक्रमण व जटिलताओं से बचाव के लिए रूसी तकनीक इलिजारोव इलाज काफी कारगर साबित हुआ है. इस तकनीक में हड्डियों को काटा-छांटा नहीं जाता है. बल्कि इलिजारोव रिंग के माध्यम से हड्डियां उगायी जाती है.

दो दिवसीय सेमिनार का उद्घाटन

इस बात की जानकारी इस तकनीक के विशेषज्ञ डाॅ शमशुल होदा ने शनिवार को पटना एम्स में हड्डी से जुड़ी अत्याधुनिक नई तकनीकों के इलाज पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में दी. तकनीक का प्रशिक्षण डाॅ होदा ने रूस, अमेरिका व देश के शीर्ष चिकित्सा संस्थान से पाया है. कार्यक्रम के आयोजन सचिव डाॅ शमशुल होदा व संयुक्त आयोजन सचिव डाॅ रितेश पांडेय ने बताया कि इस तकनीक से छोटी हड्डियों को बड़ा किया जा सकता है. टेढ़ी हड्डियों को सीधा करना भी आसान है. इस अवसर पर इस तकनीक से संबंधित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भी प्रारंभ किया गया.

डॉक्टरों ने कार्यक्रम के बारे में बताया 

मुख्य अतिथि एम्स के डायरेक्टर डाॅ गोपाल कृष्णा पाल ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप जला कर किया. संरक्षक डाॅ एसएस झा ने इस तकनीक को क्रांतिकारी बताया जो मरीज व सर्जन दोनों के लिए प्रभावी है. मौके पर डाॅ जाॅन मुखोपाध्याय व एम्स के डीन डाॅ उमेश भदानी ने भी ऐसे आयोजन की महत्ता के बारे में बताया. कार्यक्रम में नेशनल फैकल्टी के डाॅ रुटा कुलकर्णी, डाॅ जयंत शर्मा, डाॅ विकास गुप्ता, चंडीगढ़ के डाॅ पीएन गुप्ता भी शामिल हुए. प्रशिक्षण पर एम्स पटना के डाॅ अनूप कुमार, डाॅ सुदीप कुमार भी उपस्थित थे.

300 हड्डी रोग विशेषज्ञ डेलीगेट्स शामिल हुए

कंकडबाग वेल्स हास्पिटल के डाॅ शमसुल होदा, जो स्वयं इलिजारोव तकनीक के विशेषज्ञ हैं. बताया कि यह ऐसी पद्धति है जिसमें हड्डियों की विकृति को बिना हाथ-पैर काटे बचाया जाता है. हड्डी को 7 इंच तक उगाया जाना संभव है. छोटे पैर को लंबा करना, टेढ़े पैर एवं क्लब फुट को ठीक करना शामिल है. दरअसल, युवा हड्डी रोग विशेषज्ञों को नवीनतम जानकारी व तकनीक से परिचित कराने के लिए एम्स, पटना में 17 एवं 18 दिसंबर को असामी इंडिया एवं एम्स ऑर्थोपेडिक विभाग की ओर से बेसिक इलिजारोव कोर्स आयोजित की जा रही है, जिसमें देश भर से करीब 300 हड्डी रोग विशेषज्ञ डेलीगेट्स शामिल हुए.

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